लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बजट 2021-2022 की सराहना करते हुए कहा कि देश का यह पहला डिजिटल बजट है. इसमें डिजिटिलाइजेशन को बढ़ावा दिया गया है. इससे पारदर्शी व्यवस्था को बल मिलेगा, क्योंकि सारी चीजें डिजिटल फार्म में आने से कार्यप्रणाली में सुगमता आने के साथ-साथ सही तथ्य सामने आएंगे और इससे भ्रष्टाचार रुकेगा.
कोरोना काल के बाद विकासोन्मुख एवं व्यवहारिक बजट पेश हुआ
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना काल के बाद विकासोन्मुख एवं व्यवहारिक बजट प्रस्तुत किया गया है. इसमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए 15,700 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ ही रोजगार के नए अवसर से प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को साकार करेगा. उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए निजी तथा व्यावसायिक वाहनों के लिए वाहन स्क्रेपिंग पाॅलिसी की घोषणा बजट में की गई है, जिससे वाहन दुर्घटना रोकने और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.
बजट में सबको शिक्षा देने की व्यवस्था की गई
राज्यपाल ने कहा कि बजट में सबको शिक्षा देने की व्यवस्था है. इसके तहत आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कूल, उच्च शिक्षा के लिए कमीशन, अनुसूचित जाति के लिए चार करोड़, विद्यार्थियों पर 35 हजार करोड़ की व्यवस्था, देशभर में 100 नए सैनिक स्कूलों को खोलना, तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल, लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी आदि ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को भी बजट में विशेष प्राथमिकता दी गई है. किसानों की आय दोगुना करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना किया जाना, कृषि ऋण बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ करना, कृषि उत्पाद विक्रय के लिए 31 हजार नई मंडिया खोलने की व्यवस्था आदि उपायों से स्पष्ट है कि बजट में अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित और उनकी आमदनी दोगुनी करने का प्रयास किया गया है.