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वेदों में हैं औषधीय पौधों का उल्लेख: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल - औषधीय पौधें

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित ई-संगोष्ठी में हिस्सा लिया. इस ई-संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जैव विविधता से हमारी पारिस्थितिकीय तंत्र का निर्माण होता है, जो एक-दूसरे के जीवन यापन में सहायक होते हैं.

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राज्यपाल ने कहा कि भारत में 17 कृषि जलवायु जोन ह,

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Published : May 23, 2020, 5:18 AM IST

लखनऊ:यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर आयोजित ई-संगोष्ठी में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अपनी जैव विविधता के लिए विश्व विख्यात है. भारत 17 उच्चकोटि के जैव विविधता वाले देशों में से एक है. पूरे विश्व की जैव विविधता में भारत की 7 प्रतिशत भागीदारी है.

राज्यपाल ने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति देशवासियों को विभिन्न प्रकार के मौसम प्रदान करती है. भारत में 17 कृषि जलवायु जोन हैं, जिनसे अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ प्राप्त होते हैं. देश के जंगलों में विभिन्न प्रकार के नभचर, थलचर एवं उभयचर प्रवास करते हैं. इनमें रहने वाले पक्षी, कीट एवं जीव जैव विविधता को बढ़ाने में सहायक होते हैं. मनुष्य खेती कर भूमि से अपने भोजन हेतु अन्न एवं सब्जियां उगाता है तथा अस्वस्थ होने पर प्रकृति प्रदत्त औषधियों से उपचार करता है.

राज्यपाल ने बताया औषधीय पौधों का महत्व

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारा देश वैदिक काल से ही अपनी औषधीय विविधता के लिए प्रसिद्ध रहा है. अथर्ववेद में औषधीय पौधे एवं उनके प्रयोग का उल्लेख मिलता है. इसी तरह रामायण में भी बरगद, पीपल, अशोक, बेल एवं आंवले का उल्लेख मिलता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 से बचाव हेतु क्लोरोक्विन दवा का प्रयोग कई देशों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर जैव विविधता के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए और अधिक से अधिक वन, बगीचे, औषधीय पौधे एवं वृक्षों को लगाना चाहिए. इससे हमारे आस-पास के जैव विविधता में बढ़ोत्तरी होगी और पर्यावरण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

इससे पहले राज्यपाल ने राजभवन से ही लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में महिला सामुदायिक प्रसाधन केन्द्र का ई-शिलान्यास किया और लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित न्यूजलेटर (द कोरस) और लखनऊ शहर के जैव विविधता सूचकांक (इण्डेक्स) का लोकार्पण भी किया.

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