लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को कहा कि वृद्धा अवस्था जीवन का एक अटूट सत्य है. जीवन के यथार्थपूर्ण अनुभवों की वजह से वृद्धजनों का समाज में अपना एक अलग ही महत्व है. युवाओं को वृद्धों के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गाइड समाज कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दुर्व्यवहार जागरूकता कार्यक्रम को राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रही थी. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि बुजुर्गों की देखभाल और स्नेह के साथ सेवा करना युवाओं का परम कर्तव्य है. युवा अपने बुजुर्गों का ध्यान रखें, क्योंकि उन्हें दवाई से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है. अगर वे ऐसा करते हैं तो पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा मिलने के साथ ही युवाओं को दो पीढ़ियों के बीच के संबंधों को मजबूत बनाने की प्रेरणा मिलेगी.
राज्यपाल ने कहा कि आज वृद्धा आश्रमों में ऐसे न जाने कितने बुजुर्ग हैं, जिनके बच्चे अच्छी हालत में हैं, फिर भी अपने मां-बाप को वृद्धा आश्रम में छोड़ देते हैं. अगर हम अपने बुजुर्गों का सम्मान नहीं करेंगे तो हमारे बच्चे भी यही सीखेंगे. उन्होंने कहा कि यदि अपने बच्चों से सम्मान चाहते हैं तो अपने बुजुर्गों को भी सम्मान देना होगा.
आनंदीबेन पटेल ने बताया कि राजभवन द्वारा राजभवन के अधिकारियों की एक टीम गठित कर लखनऊ स्थित वृद्धाश्रम की संख्या का पता लगाने के साथ-साथ वृद्धाश्रमों में उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने की पहल की गई है. इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया, पूर्व लोकायुक्त एवं संस्था के वरिष्ठ संरक्षक न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ, वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ. अनिल रस्तोगी, गोल्डन एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण महासंघ के अध्यक्ष देवेन्द्र मोदी तथा मुख्य संयोजक डॉ. इन्दु सुभाष, 10 देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय, 15 विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिक, समाजसेवी व वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े हुए थे.
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