लखनऊ : वित्तीय वर्ष 23-24 की शुरुआत होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने सभी विभागों को बजट का आवंटन करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा पर अगले तीन महीने में 750 करोड़ से अधिक का बजट खर्च करने की कार्य योजना तैयार की है. सरकार इस पूरी राशि को तीनों ही विभागों में पहले से चला रही है. इनमें से कई योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से आयोजित की गई हैं. केंद्र सरकार ने बजट की किस्त जारी कर दी है. अब प्रदेश सरकार इस बजट को भी खर्च करने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को विभिन्न योजनाओं के लिए करीब 121 करोड़ रुपए का बजट पास किया है. इसमें से उच्च शिक्षा विभाग में 20 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च करने की कार्य योजना प्रदेश सरकार को भेजी है, वहीं माध्यमिक शिक्षा ने 600 करोड़ से ज्यादा का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है. विभागों से मिले प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने के साथ ही सभी विभागों को 3 माह की कार्य योजना को पूरा करने का निर्देश दिया है.
121 करोड़ से अपग्रेड होंगे प्राथमिक विद्यालय :बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने विद्यालयों को अपग्रेड करने तथा वहां मौलिक सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए 121 करोड़ से कार्य योजना तैयार कर सरकार को प्रस्तुत किया. सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग को प्रधानमंत्री श्री योजना के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार से 510 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त होना है. इसमें से विभाग अगले 3 महीनों में 76.10 करोड़ की राशि खर्च करने की कार्ययोजना तैयार की है. सरकार को भेजी गई कार्य योजना में बेसिक शिक्षा विभाग को पीएम श्री के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत अपने विद्यालयों को अपग्रेड करना है, इनमें विद्यालयों में सोलर पैनल, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ही ग्रीन स्कूल के रूप में विद्यालयों को विकसित किया जाना है, वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया पीएम श्री योजना के अंतर्गत 390 करोड़ के बजट के सापेक्ष केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत आवंटित करने का प्रस्ताव बनाकर भेजा है. इसके अलावा सेल्फ फाइनेंस स्कूलों में अध्ययनरत एक अभिभावक की दूसरी पुत्री की ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिए सरकार ने इस बार के बजट में 5 करोड़ का प्रावधान किया था. विभाग को इस कार्य योजना को मूर्त रूप देने के लिए अप्रैल से 1.39 करोड़ का आवंटन कर दिया गया है.