लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश की एक ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए तेजी से प्रयास कर रही है. इसको लेकर सलाहकार कंपनी का चयन किया जा चुका है. मुख्य सचिव के स्तर पर दिए गए निर्देश के क्रम में सलाहकार कंपनी ने 76 बिंदुओं पर एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है. इसमें औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के साथ ही लैंड बैंक बनाने, कृषि क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी लाकर बड़े बदलाव की मुहिम चलाने, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई सहित तमाम अन्य क्षेत्रों में कैसे क्या काम करने हैं इस पर पूरी रिपोर्ट बनाई गई है.
वन ट्रिलियन इकोनामी के लिए राज्य सरकार की तरफ से कुछ समय पहले डेलॉयट इंडिया को कंसलटेंसी कंपनी के रूप में नियुक्त किया गया था. कंपनी ने करीब 70 बिंदुओं पर तैयार रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. अब मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र (Chief Secretary Durgashankar Mishra) की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और उसके बाद आगामी कार्य योजना तैयार की जाएगी. शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सलाहकार कंपनी डेलॉयट इंडिया ने अनुबंध के अनुसार 90 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट में पूरी अर्थव्यवस्था (Economy) को 10 सेक्टर में बांटकर चरणबद्ध तरीके से डेवलपमेंट के काम करते हुए निवेश प्रक्रिया को बढ़ावा देने की बात कही है.
मुख्य रूप से इंडस्ट्री (industry) के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट (investment) बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर सबसे प्रमुख रूप से जो काम करना है वह लैंड बैंक बढ़ाना. लैंड बैंक बढ़ने से बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री यूपी आएंगी और निवेशक भी बड़े पैमाने पर निवेश कर सकेंगे. इसके अलावा एग्रो एग्रीकल्चर के क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा देने सहित तमाम अन्य तरह के काम करने को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं जो इकोनामी को रफ्तार देने के लिए बढ़ावा देने की बात बताई गई हैं. फूड प्रोसेसिंग के अंतर्गत सब्जी फल से बनने वाले तमाम तरह के प्रोडक्ट को इंटरनेशनल स्तर पर मार्केटिंग करके उसे बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके अलावा सूक्ष्म लघु, एवं मध्यम विभाग के स्तर पर काम करने की बात कही गई है.
उत्तर प्रदेश के ओडीओपी प्रोडक्ट (ODOP product) को नेशनल के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट (international market) में पहुंचाने को लेकर एक रिटेल चेन बनाने की बात कही गई है. टेक्सटाइल सेक्टर पर खास फोकस पर जोर दिया गया है. डेलॉयट इंडिया कंपनी के अनुसार उत्तर प्रदेश को चार निवेश जोन में विभाजित करने की बात कही गई है. पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड व पूर्वांचल को निवेश जोन के रूप में घोषित करके उसी अनुरूप निवेश को बढ़ावा देने के तमाम तरह के काम किए जाने की वकालत की गई है.