लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2022 के तहत प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए जाने वाले पर्यटक स्थलों के आसपास के 50 किलोमीटर के दायरे में मौजूद स्थानीय पारंपरिक और दुर्लभ होती जा रही कला, संगीत, लोक, नृत्य और व्यंजनों के संरक्षण के लिए सरकार नियम ला रही है. इसके तहत इन दुर्लभ चीजों के संरक्षण व इन पुनर्जीवित करने वाले लोगों व संस्थाओं को सरकार की ओर से 5 लाख का एक मुश्त अनुदान दिया किया जाएगा. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि नई पर्यटन नीति 2022 में इसके संबंध में सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है.
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर अनुदान:पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं है. प्रदेश में कई सांस्कृतिक विरासत ऐसी हैं, जो विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं. उन्हें संरक्षित करने की जरूरत है. यहां पर विभिन्न प्रकार की लोक कलाएं, व्यंजन, भेष भूषा, कला संगीत उपलब्ध हैं. कुछ लोक कलाएं विलुप्त की कगार पर पहुंच गई है. इन चीजों को संरक्षित कर के भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है.