लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकारी राशन की दुकानों पर लोगों को राशन दिये जाते समय बॉयोमिट्रिक सिस्टम के बजाय ओटीपी के जरिये पहचान पर विचार करने की बात कही है. न्यायालय ने कोविड- 19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए यह आदेश दिया है.
न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने यह आदेश उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद की याचिका पर पारित किया है. याची परिषद का कहना था कि बॉयोमिट्रिक सिस्टम के जरिये कार्ड धारक की पहचान करने में विक्रेता और उसके सम्पर्क में आने का खतरा बना रहता है, जो कोविड- 19 महामारी के इस समय में सुरक्षित नहीं है. कहा गया कि केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार कार्ड धारक की पहचान बॉयोमिट्रिक के साथ-साथ उसके आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नम्बर पर ओटीपी भेज कर की जा सकती है. जबकि सरकार की ओर से बॉयोमिट्रिक के जरिये ही पहचान करने का दबाव बनाया जा रहा है.