लखनऊ : पुरानी पेंशन को उत्तर प्रदेश में लागू करने को लेकर सरकार की ओर से एक बार फिर स्पष्ट न कर दिया गया है. सरकार ने स्पष्ट कहा है कि नई पेंशन स्कीम सुचारू तरीके से उत्तर प्रदेश में लागू है. इसको समाप्त करने का कोई औचित्य नहीं बनता. विधान परिषद में सरकार की ओर से यह घोषणा की गई है. जिससे नाराज होकर समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने एक बार फिर सोमवार को सदन से कुछ देर के लिए वाकआउट कर दिया. इसके अलावा प्रश्नकाल में अलग-अलग मुद्दों पर पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार टकराहट का माहौल बना रहा.
प्रश्नकाल का पहला प्रश्न समाजवादी पार्टी की ओर से पूछा गया कि क्या मंत्री बताएंगे की पुरानी पेंशन लागू किए जाने का अधिकार सरकार के पास है. इसके जवाब में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की ओर से कहा गया कि हां सरकार के पास यह अधिकार है. समाजवादी पार्टी का दूसरा सवाल था कि क्या सरकार पुरानी पेंशन लागू करेगी. इसके जवाब में वित्त मंत्री की ओर से कहा गया बिल्कुल नहीं. सरकार की ओर से बताया गया कि माह जनवरी 2023 तक 5.5 लाख सरकारी कर्मचारियों तथा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के स्वयतशासी संस्थाओं के साढे़ तीन लाख कर्मचारियों का पंजीकरण एनपीएस में किया जा चुका है. कर्मचारियों के खातों में अब तक 42 हजार लाख रुपये जमा किए जा चुके हैं. इसलिए पुरानी पेंशन लागू करने का कोई सवाल नहीं उठता. वित्त मंत्री की ओर से यह बयान आते ही समाजवादी पार्टी के सभी विधायक खड़े हो गए और पुरानी पेंशन लागू करो के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसके साथ ही उन्होंने सदन छोड़ दिया.