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योगी कैबिनेट का फैसला: पीपीपी मॉडल पर संचालित होंगे सरकारी पॉलिटेक्निक और ITI संस्थान - ppp model in polytechnic and iti institutes

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में सात प्रस्तावों को मंजूरी दी है. वहीं इस बैठक में सरकारी पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थानों को पीपीई मॉडल पर संचालित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

योगी सरकार
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Published : Oct 10, 2020, 9:05 AM IST

लखनऊ: योगी कैबिनेट ने प्रदेश में स्थापित किए जा रहे राजकीय पॉलिटेक्निक एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को निजी क्षेत्र की सहभागिता से चलाने का फैसला किया है. इस तरह से संस्थान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित किए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इसके पहले चरण में 15 नये राजकीय पॉलिटेक्निक और 40 आईटीआई के संस्थान पीपीपी मॉडल पर चलाए जाने की योजना है. बता दें कि प्रदेश में 51 नये राजकीय पॉलिटेक्निक बनाए जा रहे हैं.

कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए शुक्रवार को सात प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. इसमें राजस्व विभाग, प्राविधिक शिक्षा विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन, चीनी उद्योग, लोक निर्माण विभाग, गृह एवं आबकारी विभाग से जुड़े प्रस्ताव पास हुए हैं. गोरखपुर में कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण कार्य कराए जाने के लिए पुराने भवनों का ध्वस्तीकरण किए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ. मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनुमोदित ग्रीन-बुक (संशोधित संस्करण-2017) के निर्देश के क्रम में उनकी सुरक्षा फ्लीट की वर्तमान संरचनाक्रम में परिवर्तन के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया है.

कैबिनेट बाई सरकुलेशन में गोरखपुर महानगर की यातायात व्यवस्था को सुगम एवं सुचारु बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में लाइट रेल प्रोजेक्ट (एलआरटी) परियोजना के क्रियान्वयन तथा डीपीआर के अनुमोदन के संबंध में आए प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है. उत्तर प्रदेश आबकारी (आसमानी की स्थापना) (15वां संशोधन) नियमावली 2020 के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लगी है.

गाजीपुर में ताड़ीघाट बारा कुम्हार चौसा मार्ग (राजमार्ग संख्या 99) का सुदृढ़ीकरण एवं मार्ग के दौरान दोनों ओर 1.50 मीटर चौड़ाई में पेड सोल्डर का निर्माण कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के संबंध में आए प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2020-21 के लिए उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड एवं जिला सहकारी बैंकों से उपलब्ध कराई जाने वाली नकद साख सीमा की सुविधा के लिए शासकीय गारंटी प्रदान करने के संबंध में प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है.

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