लखनऊ: शहर में बिना मानचित्र व नक्शे के विपरीत बनी इमारतों के ध्वस्तीकरण का अभियान फिर शुरू होगा. बिना किसी विवाद के ध्वस्तीकरण अभियान चलाने की तैयारी है. इस बार सरकारी जमीनों पर कब्जों को प्रमुखता दी जाएगी. एलडीए व जिला प्रशासन की नजर डालीबाग में निष्क्रांत संपत्ति पर भी है. यहां कब्जा कर बने मकानों की फाइलें खंगाली जा रही हैं. इसके अलावा जोनवार 15-15 अवैध निर्माणों को चिन्हित किया गया है.
सरकारी जमीनों पर बने निर्माणों की एलडीए में खंगाली जा रहीं फाइलें
लखनऊ विकास प्राधिककरण शहर में बिना मानचित्र और नक्शे के विपरीत बनी इमारतों पर पैनी नजर रखे हुए है. जल्द ही इनके ध्वस्तीकरण का अभियान शुरू होगा. इसके अलावा एलडीए की नजर डालीबाग में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बने मकानों पर भी है, जिसकी फाइलें खंगाली जा रही है.
डालीबाग में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जों को ध्वस्त करने के बाद अभी भी कई कब्जे हैं. बताया जा रहा है कि यहां पर 50 से अधिक अपार्टमेंट और मकान बने हुए हैं. इनमें किसका नक्शा पास और कौन बिना नक्शे के बना है, इसकी छानबीन करायी जा रही है. इसके लिए एलडीए के मानचित्र विभाग से फाइलें खंगाली जा रही हैं. हालांकि मुख्तार अंसारी व फरहत अंसारी पर एफआईआर लिखाई गई, लेकिन गाटा संख्या 93 पर बने दूसरी इमारतों के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज किया गया. इतना ही नहीं, अभिलेखों में हेराफेरी करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा नहीं लिखा गया.
15-15 अवैध निर्माणों की सूची तैयार
सूत्र बताते हैं कि पड़ताल के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है. यह बताया जाता है कि इन संपत्तियों पर कई लोगों ने अपना मालिकाना हक दिखाकर किराये पर दे दिया अथवा बेच दिया. इसके अलावा कई लोग गलत तरीके से काबिज हैं. वहीं, अलग-अलग इलाकों में 15-15 अवैध निर्माणों की सूची जोनल अभियंताओं ने तैयार कर सचिव को सौंप दी है. अधिकारियों का कहना है कि जिस अवैध निर्माण में कोई विवाद नहीं है, उन्हें ही अभियान में शामिल किया जाएगा. इसलिए पूरी पड़ताल करायी जा रही है. बताया जा रहा है कि 23 दिसंबर से अभियान चलेगा.
शहर में करीब 100 निष्क्रांत संपत्तियां हैं. इनका ब्यौरा जुटाने के लिए दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. निष्क्रांत संपत्तियों का सत्यापन काफी समय से नहीं किया गया. इसी का फायदा अधिकारियों, भूमाफिया और प्रॉपर्टी डीलरों ने उठाया. अधिकारी बताते हैं कि कुछ लोगों ने हेराफेरी कर पहले अपने नाम संपत्ति दर्ज करायी, इसके बाद दूसरों को बेच डाली हैं. डालीबाग में गाटा संख्या 93 निष्क्रांत संपत्ति है. लंबे समय तक विवाद के बाद 14 अगस्त को प्रशासन ने इसे निष्क्रांत संपत्ति घोषित कर दिया.