लखनऊ: कर्मचारी संगठनों के बढ़ते दबाव के बाद अंततः सरकार को संक्रमण से मौत के शिकार हुए स्वास्थ्य कर्मियों की याद आ ही गई. सरकार के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कोरोना संक्रमण से मरे कर्मचारियों की रिपोर्ट तलब की है. रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध कराने को कहा गया है.
मृतक आश्रितों की होगी नियुक्ति
स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर 1 अप्रैल 2020 से अब तक कोविड के कारण मौत के शिकार हुए कर्मियों की संख्या उनके देयक भुगतान की स्थिति अनुकंपा के आधार पर की गई मृतक आश्रितों की नियुक्ति के साथ-साथ उनके विभाग का भी विवरण मांगा गया है. स्वास्थ्य महानिदेशक के इस पत्र के बाद अब रिकॉर्ड खंगाले जाने लगे हैं. विलंबित पत्रावली के बारे में सूचना एकत्र की जा रही है.
कर्मचारियों की एकजुटता से सहमी सरकार
कर्मचारी संगठनों की सक्रियता और एकजुटता के चलते सरकार को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा. सरकार चाहती है कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति और उनके देयको का भुगतान तुरंत कर कर्मचारी संगठनों के दबाव को कम किया जा सके. सरकार पर सबसे अधिक दबाव 25 प्रतिशत प्रोत्साहन भत्ते के भुगतान को लेकर है. माना जा रहा है कि लंबित भुगतान और मृतक आश्रितों की नियुक्ति के बाद आंदोलन की धार कम होगी और प्रोत्साहन भत्ता को लेकर बड़ा दबाव कम किया जा सकेगा.
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हर जिलों में लंबित है मामले
कर्मचारी संगठनों की माने तो प्रदेश के सभी जिलों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति के मामले फाइलों में धूल फांक रहे हैं. अधिकांश विभागों में उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी है. कर्मचारियों के पेंशन फंड बीमा आदि के भी मामले लंबित हैं.