लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार का सबसे पहला और चर्चित एलान सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का था. जिसके लिए जोर-शोर से अभियान भी चलाया गया, लेकिन इंजीनियरिंग की नाकामी कहे या अभियान की कागजी उड़ान. हाल यह है कि प्रदेश की राजधानी के वीआईपी इलाके भी गड्ढा मुक्त सड़कों के गवाह नहीं बन सके.
सरकार के दावों पर अपनी बात रखते नेता प्रतिपक्ष.
राजभवन के बिल्कुल बगल से गुजरने वाली सड़क पर जहां काशीराम प्रेरणा स्थल है. वहीं सड़कों पर मौजूद गड्ढे सरकार के गड्ढा मुक्त सड़क अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं. राजभवन से सदर बाजार की ओर जाने वाली हैदर कैनाल रोड पर कदम-कदम पर गड्ढे हैं. ऐसा ही हाल गोमती नगर में जनेश्वर मिश्र पार्क को जाने वाली सड़क का भी है.
आम धारणा है कि सड़कों की मरम्मत पर ध्यान देने में सरकारी एजेंसियां इलाका वार प्राथमिकता तय करती हैं. वीआईपी इलाकों में पहले काम किया जाता है इसके बावजूद राजधानी में जब राजभवन के बगल की सड़कें गड्ढे में हैं तो गड्ढा मुक्त अभियान पर सवाल उठना लाजमी है.
सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग ने अपनी स्पष्ट पॉलिसी भी बनाई है. जो आधुनिक तकनीक पर आधारित है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों ऐलान भी किया है कि गड्ढों की मरम्मत के लिए 24 से 48 घंटे तय किए गए हैं.
सड़कों के गड्ढों का फोटो विभाग के डेटाबेस में सुरक्षित किया जा रहा है. मरम्मत के बाद संबंधित अवर अभियंता और सहायक अभियंता गड्ढा मुक्त सड़क का फोटो भी अपलोड करेंगे. इसके बावजूद सड़क पर गड्ढों का हाल यह है कि सोशल मीडिया पर लखनऊ से गोरखपुर हाईवे पर मौजूद गड्ढे पिछले दिनों चर्चा में रहे.