लखनऊ : लखनऊ के डालीबाग स्थित राजकीय बाल गृह में नवजात शिशुओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं. अगर बच्चों की तबियत खराब होती है तो उन्हें सही समय पर इलाज दिलाने की जिम्मेदारी बाल गृह की होती है, लेकिन बाल गृह में जब किसी शिशु की तबीयत पूरी तरह से खराब हो जाती है तब उसे अस्पताल में लेकर जाया जाता है. इन बच्चों का ख्याल रखने के लिए बाल गृह में कर्मचारियों की भी कमी है. यही कारण है कि अस्पताल में निमोनिया से जूझ रहे दो नवजात शिशु को एक आया संभाल रही है. छह महीने पहले भी इसी तरह का ही मामला सामने आया था जिसमें राजकीय बाल गृह के छोटे बच्चे निमोनिया व मलेरिया की चपेट में थे.
राजकीय बाल गृह की आया (कर्मचारी) मंजू देवी ने बताया कि बीते एक हफ्ते से बच्चे बीमार हैं और दोनों बच्चे को निमोनिया हुआ है. सिविल अस्पताल के डॉक्टर बच्चों का इलाज कर रहे हैं और बच्चों को पीआईसीयू में भर्ती किया गया है. यहां पर उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत परेशानी नहीं हो रही है. मंजू ने बताया कि राजकीय बाल गृह में कर्मचारियों की कमी है. इस वजह से दो बच्चों के साथ सिर्फ एक ही अटेंडेंट भेजा गया है और दोनों बच्चों को संभालना मेरी जिम्मेदारी है. राजकीय बाल गृह में कर्मचारी अभी छुट्टी पर हैं तो किसी की तबीयत खराब है. ऐसे में कर्मचारियों की कमी बनी हुई है. बातचीत के दौरान मंजू ने कहा कि राजकीय बाल गृह में नवजात शिशु का ख्याल कर्मचारी के अलावा नर्स भी रखती हैं. मंजू ने कहा कि एक ही साथ दोनों बच्चों को संभाल पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है, लेकिन जिम्मेदारी को निभा रहे हैं.