राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों की बदलेगी सूरत, आधुनिकता से होंगे लैस
यूपी के 20 जिलों में समाज कल्याण विभाग की ओर से राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है. फिलहाल प्रदेश में 103 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है.
लखनऊ: राज्य के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग ने प्रदेश के गरीब तबके के छात्रों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश के 20 जिलों में समाज कल्याण विभाग की ओर से राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है. यह विद्यालय पूरी तरह से आधुनिक होंगे. यहां पर छात्रों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर प्रोजेक्टर आदि की व्यवस्था होगी.
मंत्री ने बुधवार को लोकभवन के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि समाज कल्याण विभाग प्रदेश के सबसे नीचे पायदान पर खड़े व्यक्ति को ऊपर लाने का काम कर रहा है. राजधानी में लखनऊ ट्राइबल म्यूजियम का स्थापना भी जल्द की जाएगी. रमापति शास्त्री ने कहा कि प्रदेश में 103 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. इसमें से 49 सीबीएसई बोर्ड और 54 यूपी बोर्ड से सम्बद्ध है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में यहां से 32616 छात्र पंजीकृत हुए थे, जो 2019-20 में बढ़कर 34281 हो गए.
गोरखपुर में आठ करोड़ रुपये से बनेगी कोचिंग
समाज कल्याण विभाग की ओर से गोरखपुर में सिविल सेवा की तैयारी के लिए आठ करोड़ 71 हजार 500 रुपये से कोचिंग सेंटर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. कोचिंग 2021-22 से शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति और सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए सिविल सेवा की तैयारी के लिए सात कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं. इन कोचिंग सेंटर से 51 अभ्यर्थी आईएएस और पीसीएस परीक्षा, 438 अभ्यर्थी अन्य सेवाओं में चयनित हुए हैं. राजकीय कोचिंग केन्द्रों में पंजीकृत अभ्यर्थियों की तुलना में करीब आठ प्रतिशत अधिक अभ्यथर्यिों का चयन हुए है.
स्कालरशिप की वार्षिक आय सीमा में बढ़ोत्तरी
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि पूर्वदशम तथा दशमोत्तर अनुसूचित जाति/जनजाति व सामान्य वर्ग के छात्रों की वार्षिक आय सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढ़ाई लाख रुपये कर दी गई है. कक्षा नौ और 10 में अध्ययनरत अनुसूचित जाति/जनजाति व सामान्य वर्ग के छात्रों को पहले वार्षिक छात्रवृत्ति 2250 रुपये दी जाती थी, जो अब बढ़ाकर तीन हजार रुपये की गई है. वहीं, वृद्धा पेंशन योजना में 60 से 79 वर्ष की आयु के लाभार्थियों की मासिक पेंशन 400 रुपये से बढ़ा कर 500 रुपये किए गए.
पेंशन पाने वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़ी
शास्त्री ने बताया कि 2017 में वृद्धावस्था पेंशन 36 लाख 53 हजार लाभार्थियों को दी जाती थी, जो साल 2020-21 में 51 लाख 21 हजार हो गई है. इसमें 14 लाख 68 हजार नवीन पेंशरों को लाभान्वित हो चुके हैं. पेंशनरों की संख्या में 14 लाख 68 हजार की वृद्धि हुई है.
एक लाख से अधिक जोड़ों का कराया विवाह
समाज में सर्वधर्म और सामाजिक समरसता को बढावा के लिए शुरू की गई मुख्ममंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब एक लाख पांच हजार 427 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है. इसमें 423.23 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत प्रति जोड़ा खर्च की जाने वाली धनराशि बढ़ा कर 51 हजार रुपये कर दी गई है.
यूपी के 53 जिलों में बने वृद्धाश्रम
रमापति शास्त्री ने बताया कि 2016-17 तक माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली की व्यवस्था के तहत 22 जिलों में वृद्धाश्रम का संचालन किया जा रहा था. मुख्यमंत्री के निर्देशन में शेष 53 जिलों में वृद्धाश्रम की स्थापना और संचालन शुरू कर दिया गया है.
स्वरोजगार योजना से बनाया आत्मनिर्भर
इस मौके पर मौजूद अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लालजी निर्मल ने बताया कि स्वरोजगार योजना के जरिए चार सालों में एक लाख सात हजार 772 लोगों को 107.72 करोड़ रुपये अनुदान और 462.54 करोड़ रुपये ब्याज मुक्त ऋण दिलाकर वित्त पोषित किया गया, ताकि वह अपने उद्योग लगाकर आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा बन सकें. लालजी निर्मल ने बताया कि जनजाति विकास निगम बहराइच और खीरी में छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय का संचालन शुरू किया गया है. ललितपुर और सोनभद्र विद्यालय के निर्माण का कार्य जारी है. बिजनौर में सह-शिक्षा जनजाति विद्यालय के निर्माण का कार्य जारी है, जबकि एक विद्यालय सोनभद्र में भी प्रस्तावित है. इसके अलावा गोरखपुर, खीरी, बलिया, गोंडा और बलरामपुर में पांच नए छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है.