गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर लोगों की श्रद्धा का अटूट केंद्र है. इसके साथ ही यह मंदिर राजनीति का भी बहुत बड़ा केंद्र है. मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह घर भी है. यहां पर हर रोज हजारों की संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचते ही रहते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन में यहां पर भी आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लग चुका है, जिससे इस मंदिर परिसर में सन्नाटा छाया हुआ है.
इसके साथ ही तमाम फरियादियों की समस्याएं भी उनके घरों में ही कैद हैं. हालांकि 8 जून 2020 से धार्मिक स्थलों के खोले जाने का दिन निर्धारित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीब दो माह बाद 24 मई को आगमन हुआ था. वह भी मात्र 16 घंटे के लिए, लेकिन इस दौरान भी मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर सका. न फरियादी और न ही श्रद्धालु.
गैरमौजूदगी में द्वारिका तिवारी देखते हैं कार्यालय
यह मंदिर श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है. साथ ही पीड़ितों के फरियाद को सुने जाने का भी केंद्र है. यहां पर योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद लोगों की फरियाद सुनते रहते थे. मुख्यमंत्री के रूप में वह जब यहां होते हैं तो उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ती है. उनकी गैरमौजूदगी में उनका कार्यालय मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी की देखरेख में संचालित होता है.