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सुशासन और कानून व्यवस्था होंगे लोकसभा चुनाव में भाजपा के अहम मुद्दे!

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. भाजपा अगले साल होने वाले चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. चुनाव में पार्टी के क्या अहम मुद्दे होंगे?. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.

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Published : Jun 6, 2023, 7:08 PM IST

लखनऊ :अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और सुशासन को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगी. हाल के निकाय चुनाव और उससे पहले 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को इसका लाभ मिला है. पुलिस मुठभेड़ों में अपराधियों के मारे जाने का मामला हो या माफिया के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई, विपक्ष भले ही इन मुद्दों पर भेदभाव के आरोप लगाता हो, लेकिन प्रदेश की जनता ने इसे सकारात्मक तरीके से लिया है. यही कारण है कि भाजपा सरकार अपने शासन के दौरान भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ प्रशासन और अपराध मुक्त समाज देने को भुनाएगी. इन मुद्दों पर विपक्ष के पास कुछ भी कहने के लिए नहीं है.


कुर्की की कार्रवाई (फाइल फोटो)

यदि आंकड़ों की बात करें, तो सरकार के पास बताने के लिए बहुत कुछ है. पिछले छह साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में 184 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं, जबकि 4808 से ज्यादा घायल हुए हैं. योगी सरकार ने अपराधियों पर सख्ती बरतते हुए 15885 इनामी अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा. महिला अपराधों में ई-प्रॉसीक्यूशन में प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है. एंटी रोमियो स्क्वायड द्वारा 88,25,966 लोगों को चेतावनी व 25,127 के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. धार्मिक स्थलों से 86,785 लाउडस्पीकर हटाए गए, जबकि 68,676 से अधिक की ध्वनि कम कराई गई है. यही नहीं भाजपा सरकार ने लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद तथा प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की है. साथ ही लखनऊ और गौतमबुद्धनगर के अलावा 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर एक-एक साइबर क्राइम थाने की स्थापना भी की गई है.


कार्रवाई के आंकड़े
कुर्की की कार्रवाई (फाइल फोटो)

सरकार ने बेहतर पुलिसिंग के लिए 114 नए थाने, 163 नई चौकियां, छह नए महिला पुलिस थाने, चार नए आर्थिक अपराध संबंधी थाने, 16 नए साइबर क्राइम थाने, सतर्कता अधिष्ठान की 10 नई शाखाएं, 90 नए अग्निशमन केंद्र और दो जल पुलिस चौकियां बनाने के लिए मंजूरी देने का काम किया है. एक लाख 64 हजार से अधिक पदों पर पुलिसकर्मियों की भर्ती भी की गई है. 1518 थानों में 15130 महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के साथ ही 10378 महिला बीट आवंटित की गई हैं. प्रदेश में तीन महिला पीएसी बटालियन (लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं) का गठन भी किया गया है. वीमेन पॉवर लाइन 1090, जीआरपी फायर सर्विस और महिला हेल्पलाइन 181 सेवा का एकीकरण भी सरकार ने किया है. अयोध्या में एसटीएफ की इकाई गठित करने के साथ ही सरकार ने देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर सहित कई अन्य जिलों में एटीएस की नई फील्ड गठित की है.

कुर्की की कार्रवाई (फाइल फोटो)

इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक डॉ प्रदीप यादव कहते हैं 'इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा की सरकार ने पिछले छह सालों में कानून व्यवस्था के स्तर पर अच्छा काम किया है. इस दौरान सरकार के किसी मंत्री या नेता पर भ्रष्टाचार आदि का कोई बड़ा आरोप भी नहीं लगा. स्वाभाविक है कि 'सुशासन' भी भाजपा का दावा हो सकता है. अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उनकी संपत्तियों का ध्वस्तीकरण लोगों को पसंद आ रहा है. यह शायद इसलिए है कि कानूनी तरीके से अपराधियों को सजा दिलाने में लंबा वक्त लगता है, इसके बावजूद तमाम लोग बच निकलते हैं. इसलिए सरकार के इस 'तुरंत न्याय' के तरीके को लोगों का समर्थन मिल रहा है. निश्चित रूप से अपने अच्छे कामों का कोई भी सरकार श्रेय लेती है. ऐसे में भाजपा को भी इसका फायदा उठाना ही चाहिए.'

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