लखनऊः गोमती नदी को साफ करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कितना गंभीर है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी लखनऊ में ही तीन दर्जन नाले गोमती नदी में गिर रहे हैं. इस से लगातार गोमती नदी का जल प्रदूषित हो रहा है. पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. बावजूद इसके गोमती नदी का प्रदूषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जेपीएस राठौर का कहना है कि गोमती नदी का प्रवाह सही हो और गोमती नदी का पानी शुद्ध हो. इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार काम कर रहा है. यही कारण है कि सीतापुर से लेकर गाजीपुर तक गोमती नदी को साफ करने के लिए एक्शन प्लान बनाया गया है. इस एक्शन प्लान के अनुसार युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही 3 माह की रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भेजा जा रहा है.
गोमती में गिरते हैं 33 नाले
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जीपीएस राठौर का कहना है कि राजधानी लखनऊ में ही गोमती नदी में 33 नाले गिरते हैं. इसमें से 14 नाले ऐसे हैं. जहां पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगे हुए हैं. इसके साथ ही 12 नाले ऐसे हैं जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सही से काम नहीं कर रहा है. जबकि 6 नाले ऐसे हैं जो सीधे गोमती नदी में गिर रहे हैं. नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जेपीएस राठौर का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गोमती नदी पर नजर रखे हुए हैं. इसके साथ ही दिन भी कारखानों से प्रदूषित जल गोमती नदी में गिरेगा ऐसे कारखानों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.