लखनऊःसीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में निरुद्ध सिंचाई विभाग के तत्कालीन कनिष्ठ सहायक राज कुमार यादव की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अपराध की प्रकृति व लगाए गए आरोपों में अभियुक्त की भूमिका व अन्य तथ्यों के मद्देनजर जमानत का आधार प्रर्याप्त नहीं है.
सिंचाई विभाग के सहायक की दूसरी जमानत अर्जी भी खारिज - केके स्पन पाइप प्राइवेट लिमिटेड
सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में निरुद्ध सिंचाई विभाग के तत्कालीन कनिष्ठ सहायक राज कुमार यादव की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
सीबीआई कर रही मामले की जांच
सीबीआई ने 30 नवंबर, 2017 को इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई इस मामले में अभियुक्त राज कुमार यादव के साथ ही सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव व केके स्पन पाइप प्राइवेट लिमिटेड व इसके निदेशक हिमांशु गुप्ता व कविश गुप्ता तथा ब्रांड ईगल लोंगिजन जेवी के वरिष्ठ सलाहकार बद्री श्रेष्ठा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. हालांकि सीबीआई की विवेचना अभी प्रचलित है.
इन लोगों पर है घोटाले का आरोप
सीबीआई ने अभियुक्तों को जालसाजी, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोपित किया है. गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े अभियंताओं पर दागी कम्पनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और नौकरशाहों के विदेशी दौरे में फिजुलखर्ची करने सहित वित्तीय अनियमितता व मानक के अनुरुप कार्य नहीं करने का आरोप है. 19 नवंबर, 2020 को इस मामले में अभियुक्त राज कुमार यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.