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उत्तर रेलवे के जीएम बोले, 'निजीकरण नहीं ये तो प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप हैं'

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा है.

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उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह.

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Published : Dec 4, 2019, 11:32 AM IST

लखनऊ: सुलतानपुर-लखनऊ रेलखंड का निरीक्षण करने के बाद उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक टीपी सिंह लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां उनसे कई यूनियन के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और अपनी समस्याएं रखीं. इस दौरान महाप्रबंधक ने पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए. उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा, ये तो प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप हैं.

महाप्रबंधक ने बताया रेलखंड के निरीक्षण का उद्देश्य
सुलतानपुर-लखनऊ रेलखंड के निरीक्षण का क्या उद्देश्य था, इस सवाल के जवाब में महाप्रबंधक ने कहा कि सालाना इंस्पेक्शन होता है हमारा, और हर साल हर डिवीजन का एक सेक्शन हम चुनते हैं. जैसे लखनऊ डिवीजन में बनारस से लखनऊ, उतरेतिया यह सारा सेक्शन है इसमें से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर का सेक्शन चुनते हैं. उद्देश्य इसका यही होता है कि इस पूरे सेक्शन का ओवरहालिंग हो जाए.

रेलवे के निजीकरण पर उत्तर रेलवे के जीएम का बयान.

पूरे सेक्शन में सारी चीजें चाहे वह पैसेंजर एमेनिटीज हो, चाहे कैपेसिटी अरगुमेंटेशन हो, चाहे गाड़ियों के स्टॉपेज हो, चाहे पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव्स के इश्यूज हों, चाहे वहां की जनता के इश्यूज हों और चाहे हमारा सेफ्टी इंस्पेक्शन हो. इन सारी चीजें हम लोग करते हैं.

हम लोग ने आज सेफ्टी इंस्पेक्शन किया है. कुछ हमारे स्टाफ के जो इनोवेशंस हैं वह देखे. हमारे स्टाफ ने बहुत सारे अच्छे अच्छे कार्य किए हैं, जो रेलवे के मेंटेनेंस को इंप्रूव करेगी. रेलवे की एफिशिएंसी को इंप्रूव करेगी.

रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन पर बोले महाप्रबंधक
चारबाग रेलवे स्टेशन का अपग्रेडेशन का काम तब तक पूरा हो जाएगा इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्टेशन तो अपग्रेडेड है. हां अगर आप वर्ल्ड क्लास की बात कर रहे हैं तो आपको बता दूं कि आरएलडीए इसको कर रहा है.

उन्होंने बताया कि आरएलडीए में तीन चीजें होती हैं पहला ऑपरेशन, दूसरा होता है कंस्ट्रक्शन. एक्टिविटी और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी के लिए आरएलडीए को कुछ कमर्शियली एक्सप्लॉयड करने के लिए लैंड भी चाहिए तो उसका लैंड लीज और वह सब प्रक्रिया चल रही है. जैसे ही आरएलडीए को वह सब मिल जाएगा और उसके फाइनेंसेज आने शुरू हो जाएंगे, तब इस पर काम शुरू होगा, लेकिन प्लान हो गया है.

निजीकरण नहीं, प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप है
निजीकरण का कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं, इस सवाल पर महाप्रबंधक बोले इसको निजीकरण नहीं कहा जा सकता, इसको तो प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप कहते हैं. इसको निजीकरण नहीं कहते हैं. हमारा जो स्टाफ है हमारा ऑपरेशन वही करता रहेगा.

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