लखनऊः भारत की 70 फीसदी जनसंख्या कृषि पर आधारित है. कृषि शिक्षा में छात्राओं की सहभागिता देश में अहम बदलाव ला सकती है. जिसको लेकर अब छात्राएं भी अब अन्य कोर्सो की अपेक्षा कृषि शिक्षा की ओर बढ़ रही हैं. उनका मानना है कि जिस तरह से समय के अनुसार कृषि के क्षेत्र में बदलाव हो रहा है, उसके अनुरूप कृषि के बारे में किसानों को जागरूक करने की बहुत ज्यादा जरूरत है.
एग्रीकल्चर में छात्राओं की बढ़ी संख्या एग्रीकल्चर कोर्स में बढ़ रही रुचि
ईटीवी से बातचीत में लखनऊ विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध 3 डिग्री कॉलेज है. चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय ,महेश प्रसाद डिग्री कॉलेज, भालचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड मैनेजमेंट, अगर इन कॉलेज में पढ़ने वाली एग्रीकल्चर कोर्स में छात्राओं की संख्या की बात करें, यहां अब छात्राओं की संख्या में वृद्धि हुई है. चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय में साल 2001 में एक छात्रा ने प्रवेश लिया था. लेकिन वर्तमान में 1600 विद्यार्थियों में 297 छात्रा हैं, यानी कि छात्राओं की संख्या में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं महेश चंद डिग्री कॉलेज में 40 से 45 फीसदी छात्राओं की संख्या बढ़ी है.
चंद्रभानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय में 30 फीसदी बढ़ी संख्या कृषि सेक्टर में बढ़ी हैं संभावनाएं
चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्थापक प्रबंधक बाबू भगवती सिंह ने बताया कि 1995 में बख्शी का तालाब में चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गई थी. इस कॉलेज में 30 फीसदी छात्राएं कृषि शिक्षा का ग्रहण कर रही हैं. इसी प्रकार पूरे देश में बहुत से कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय हैं, जहां पर छात्राएं कृषि की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है. आजादी के बाद से कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई है. कृषि शिक्षा में छात्राओं की संख्या बढ़ रही है. जिससे नई तकनीकों का विकास होगा और रोजगार की संभावनाएं मजबूत होंगी.
कृषि शिक्षा में छात्राओं की बढ़ी रुचि 'कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कम'
चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय में पढ़ने वाली बीएससी एग्रीकल्चर प्रथम वर्ष की छात्रा आकांक्षा मिश्रा ने बताया कि कृषि शिक्षा में अन्य विषयों की अपेक्षा छात्राओं के लिए प्रतिस्पर्धा बहुत कम है. जिसमें छात्राओं को एक प्रतिष्ठित नौकरी मिल जाती है. इसके अलावा कृषि जैसे छोटे बड़े उद्योग को विकसित करने में कृषि शिक्षा ग्रहण करने के बाद छात्राएं वरदान साबित होंगी.