लखनऊ : केजीएमयू में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई समारोह 2023 आयोजित हुआ. इस दौरान देश विदेश से सभी जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट में शामिल हुए. सभी ने अपने-अपने अनुभव एक दूसरे संग साझा किए. ऐसे में जॉर्जियंस ने अपने समय की यादें साझा की. सभी की मेमोरी भले ही अलग-अलग रही, लेकिन सभी ने एक बात जरूर कही कि जॉर्जियन होने का अलग ही अहसास है. यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम जॉर्जियंस हैं.
1946 में था गोल्डन दौर :प्रो. एके हलिम ने बताया कि 'सन 1946 में मैंने मेडिकल कॉलेज ज्वाइन किया था. पढ़ाई पूरी होने के बाद बतौर रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर मैंने काम शुरू किया. फिर धीरे-धीरे एसोसिएट प्रोफेसर फिर प्रोफेसर के पद पर हुआ. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेशक मेडिकल कॉलेज में बहुत कुछ बदलाव आया है, लेकिन जब मैं यहां पढ़ाई करता था. वह कॉलेज का गोल्डन दौर था.'
जब हो गई थी बहस :डॉ. अजित प्रसाद जैन ने कहा कि 'मैं बैच 1951 का स्टूडेंट रहा हूं. सन 1952 या 53 की बात है कि एक बार केजीएमयू के स्टूडेंट्स हजरतगंज स्थित चीफ फूड मार्ट घूमने के लिए पहुंचे थे. केजीएमयू फर्स्ट बैच के स्टूडेंट्स डॉ. दुग्गल जोकि डेंटल के स्टूडेंट थे, उनकी मार्ट के ऑनर से बहस हो गई थी. मेडिकल कॉलेज में उस समय बहुत रोष था. उस समय मैं सेकेंड ईयर का स्टूडेंट था. सभी ने मुझे बुलाया और फिर बातचीत शुरू हुई. मैंने बहुत तेजी से चिल्लाया तो जितने भी सीनियर थे सभी एक लाइन से खड़े हो गए. मैंने जब उनको ललकारा तो सभी ने मुझे घेर लिया. मुझे चारों तरफ से सभी ने घेर लिया. लेकिन, उसके बाद मैंने सभी को समझाया कि हम जिस कॉलेज में पढ़ रहे हैं, उससे हमारी पहचान होती है. हम जॉर्जियन जो कुछ भी करेंगे इसका श्रेय हमारे मेडिकल कॉलेज को जाएगा. अगर हम अच्छा करेंगे तो भी और अगर हम बुरा करेंगे तो भी उसका श्रेय मेडिकल कॉलेज के ऊपर ही जाएगा. उन्होंने कहा कि जब हम वहां मौके पर पहुंचे तो वहां पर लोगों ने कहा कि यह सभी जॉर्जियन हैं.'
बार-बार मौखिक परीक्षा में हो रहे थे फेल :उन्होंने एक और मेमोरी साझा कि सर्जरी विभाग के डॉ. एससी मिश्रा एक बार मौखिक परीक्षा ले रहे थे, उस समय एक साथी थे, जो लगातार बार-बार मौखिक परीक्षा में फेल हो रहे थे. वह रोने लगे तो प्रो. एससी मिश्रा ने कहा कि 'बताइए आप लोग क्यों नहीं पढ़ाई करते हैं. फिर मैंने जवाब दिया कि 'सर गुस्ताखी माफ कीजिएगा एक मुझे शायर का शेर याद आया है. यूं तो हर एक का दिल, हर एक पर फिदा होता है, प्यार करने का तौर जुदा होता है, आदमी लाख समुंदर पर गिरता है, लेकिन जो झुककर उसे उठा ले वह खुदा होता है. उनका कहने का मतलब था कि आपने उस स्टूडेंट को अच्छे से नहीं पढ़ाया. जिसकी वजह से वह बार-बार फेल हो रहा है.' जिसके बाद खूब ठहाके लगे.