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कभी हार न मानें, चुनौतियां का करें डटकर सामना: जनरल बिपिन रावत

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो तुम, कहां खामियां रह गई, इस पर विचार करो तुम...ये पंक्तियां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के आठवें दीक्षांत समारोह में पहुंचे चीफ आफ आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने छात्रों से कहीं. उन्होंने कहा कि चुनौतियाें से डरे नहीं बल्कि इसका डटकर सामना करें.

जनरल बिपिन रावत ने छात्रों को संबोधित किया.

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Published : Nov 11, 2019, 11:20 PM IST

लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत पहुंचे. यहां उन्होंने छात्रों को चुनौतियों से लड़ने और कभी हार न मानने की बात कही. साथ ही सभी उपाधि और गोल्ड मेडल पाने वाले छात्रों को आने वाले भविष्य के भारत के निर्माण में योगदान करने की अपील भी की.

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का आठवां दीक्षांत समारोह.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए छात्रों से आह्वान करते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आने वाला लक्ष्य बहुत बड़ा है और इसके लिए हम सभी को अपना बेहतर प्रदर्शन करना होगा. इस मौके पर दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन पद्मश्री मिलिंद प्रहलाद कांबले को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि दी गई. उपाधि लेने वाले छात्रों में एलएलएम में गोल्ड मेडलिस्ट विकास कुमार सिंह ने मंच पर पहुंचकर सेना प्रमुख को सैल्यूट किया और फिर उपाधि ली.

1986 में हुई थी स्थापना

1986 में स्थापित हुए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का यह आठवां दीक्षांत समारोह है. इस दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर देश के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत मौजूद रहे. उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को उपाधि दी एवं मेडल पहनाया.

चुनौतियों से घबराएं नहीं
जनरल बिपिन रावत ने मेडल पाने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि वह देश के भविष्य हैं और उनके द्वारा देश को उन्नति पर ले जाने का काम करना है. भविष्य में चुनौतियां बहुत है, इसलिए सभी को मिलकर मेहनत करना है. प्रधानमंत्री के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के सपने को पूरा करने के लिए अपना योगदान देना है. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि चुनौतियां आती हैं तो उससे घबराएं नहीं, बल्कि उसका डटकर सामना करें और नई-नई चीजें सीखते हुए राष्ट्र के निर्माण में अपना बहुमूल्य और बेहतर प्रदर्शन दें.

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विधि में परास्नातक का गोल्ड मेडल पाने वाले छात्र विकास कुमार सिंह ने बताया कि वह 2010 में गणतंत्र दिवस समारोह दिल्ली में एनसीसी के कैडेट के तौर पर शामिल हो चुके हैं, इस वजह से उन्होंने सेना प्रमुख को सैल्यूट किया. फूड सेफ्टी में स्नातक का गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली छात्र आरोही शर्मा ने कहा कि सभी को भोजन मिले, हमारा यही प्रयास है. इस दिशा में सेनाध्यक्ष जी के हाथ से गोल्ड मेडल पाना और उनका आह्वान हम सभी के लिए प्रेरणा देने वाला है. हम देश की उन्नति के लिए काम करेंगे.

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