लखनऊ : राजधानी के शहर के बीच हजरतगंज इलाके में बीते दिनों एक गर्ल्स हॉस्टल में सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया. हालांकि इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ. जिस हॉस्टल में यह ब्लास्ट हुआ था वहां 25 लड़किया रहती हैं. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि राजधानी में चल रहे सैकड़ों होस्टल जो किसी भी सरकारी दस्तावेज में अंकित नहीं हैं क्या वह सुरक्षित हैं और क्या वहां रहने वाले लड़के लड़कियां सिलेंडर में ब्लास्ट होनी की स्थिति से कैसे निपटें उसकी किसी भी प्रकार की तैयारी है. ये सवाल फायर सर्विस विभाग को भी परेशान कर रहा है यही वजह है अब फायर डिपार्टमेंट शहर में चल रहे हॉस्टल को चिन्हित कर वहां फायर सेफ्टी संबंधित ऑडिट करने की तैयारी कर रहा है.
जानकारी के अनुसार राजधानी में करीब 3000 से भी अधिक हॉस्टल संचालित हो रहे हैं. जहां नौकरी और पढ़ाई करने वाले लड़के लड़कियां रहती हैं. इसमें अधिकतम ऐसे हॉस्टल हैं जो बेहद ही भीड़ भाड़ इलाकों में हैं. यहां रहने वाले लड़के लड़कियां रूम में ही गैस सिलेंडर में खाना बनाते हैं. इनमें अधिकतम छोटे गैस सिलेंडर होते हैं. इस सिलेंडर में पाइप भी लोकल ही इस्तेमाल होता. यही वजह रही कि बीते दिनों हजरतगंज के नरही इलाके में मौजूद हॉस्टल में उस वक्त सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया जब दो लड़कियां खाना बना रही थीं. इस हादसे ने फायर विभाग की नींद उड़ा दी है.