लखनऊ : पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यात्री सुविधा, पर्यावरण संरक्षण के लिए नई तकनीक का उपयोग कर गाड़ी संचालन में डीजल के खपत में कमी लाई जा रही है. फलस्वरूप रेल राजस्व में भारी बचत हो रही है. पूर्वोत्तर रेलवे पर ट्रेन नंबर 12535/12536 लखनऊ-रायपुर-लखनऊ एवं 12593/12594 लखनऊ-भोपाल-लखनऊ गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों के आईसीएफ टाइप कोच को हेड ऑन जनरेशन सिस्टम से युक्त किया गया है. इसके चलते प्रतिवर्ष 341.4 किलो लीटर डीजल प्रतिवर्ष बचत होगी. जिससे 4.1 करोड़ के रेल राजस्व की बचत होगी.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह (Pankaj Kumar Singh, Chief Public Relations Officer, North Eastern Railway) ने बताया कि ट्रेन 12535/12536 लखनऊ-रायपुर-लखनऊ एवं 12593/12594 लखनऊ-भोपाल-लखनऊ गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों में आईसीएफ टाइप के 10 वातानुकूलित कोच एवं 02 पावरकार लगाए जाते हैं. इन ट्रेनों में वार्षिक डीजल खपत लगभग 341.4 किलो लीटर थी. जिसकी लागत 4.1 करोड़ आती थी. इन गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों के रेक को हेड ऑन जनरेशन प्रणाली से युक्त करने के लिए तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति की गई है. इन ट्रेनों के एचओजी प्रणाली से युक्त होने के कारण डीजल खपत में कमी होने के फलस्वरूप रेल राजस्व में वृद्धि के साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है. बता दें, एलएचबी कोच को पहले से ही हेड ऑन जनरेशन तकनीक से चलाया जा रहा है. आईसीएफ (कन्वेंशनल) कोच में यह तकनीकी पहली बार प्रयोग में लाई जा रही है.