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लखनऊ की कूड़ा उठान व्यवस्था सिफर, चीनी कंपनी पर दरियादिली दिखा रहे अफसर

राजधानी लखनऊ की कूड़ा उठान व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है. आलम यह है कि शहर के भाजपा पार्षदों की शिकायत के बावजूद कूड़ा उठान व्यवस्था देखने वाली चीन की कंपनी इको ग्रीन पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

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Published : Apr 17, 2023, 6:54 PM IST

लखनऊ की कूड़ा उठान व्यवस्था सिफर, चीनी कंपनी पर दरियादिली दिखा रहे अफसर.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में कूड़ा उठान व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल करने वाली चीनी कंपनी इकोग्रीन पर एक बार फिर मेहरबानी की गई है. उसके खिलाफ कार्रवाई के बजाय उसे बड़ा भुगतान करने की तैयारी की जा चुकी है. सवाल है कि आखिर किसकी मेहरबानी से राजधानी लखनऊ के नगर निगम और शासन के बड़े अधिकारी चीनी कंपनी पर दरियादिली दिखा रहे हैं. इको ग्रीन कंपनी पिछले कई वर्षों में राजधानी लखनऊ में कूड़ा उठान व्यवस्था संचालित करती रही है. चीनी कंपनी इको ग्रीन का टेंडर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन एक बार फिर अब उससे ही काम कराने की तैयारी हो गई है.

लखनऊ की कूड़ा उठान व्यवस्था सिफर, चीनी कंपनी पर दरियादिली दिखा रहे अफसर.

राजधानी लखनऊ में पिछले काफी समय से चीनी कंपनी इकोग्रीन संस्था पर कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी है. इस कंपनी का काम हमेशा विवादों में रहा और पूरी तरह से लखनऊ में कूड़ा निस्तारण व्यवस्था बेपटरी है. लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के ज्यादातर पार्षद हैं. नगर निगम की मेयर बीजेपी की संयुक्ता भाटिया रहीं, लेकिन कंपनी के खिलाफ आवाज उठाते रहे. बीजेपी के तमाम पार्षदों ने भी कई बार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को लेकर धरना प्रदर्शन किया, लेकिन कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. पिछले करीब एक महीने पहले इस कंपनी के खिलाफ तमाम लोगों ने नाराजगी जाहिर की. कंपनी के काम से हटाने और टेंडर निरस्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की तरफ से पत्र लिखकर इस कंपनी के काम को संतोषजनक नहीं, काम में लापरवाही, पूरे शहर में कूड़ा उठान व्यवस्था बदहाल होने की बात कहकर टेंडर निरस्त करने की संस्तुति भी गई. इसी बीच नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई. इसके बाद से इकोग्रीन कम्पनी पर बड़े अधिकारियों की मेहरबानी शुरू हो गई.

लखनऊ की कूड़ा उठान व्यवस्था सिफर, चीनी कंपनी पर दरियादिली दिखा रहे अफसर.


शासन स्तर पर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. ऐसे में नई कंपनी के टेंडर की प्रक्रिया नहीं की जा सकती है और इसी कंपनी से काम लेना पड़ेगा. इसके बाद अब कंपनी को करीब ₹11 करोड़ के भुगतान की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. सवाल है कि राजधानी लखनऊ में बेपटरी हो चुकी कूड़ा निस्तारण व्यवस्था पर बीजेपी के पार्षद समेत दूसरों दलों की तरफ से नाराजगी जताई जा चुकी है. बावजूद इसके कंपनी पर मेहरबानी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े हो रही है. ईटीवी भारत से नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. ऐसे में किसी दूसरी कंपनी से काम लिया जाना संभव नहीं था. टेंडर प्रक्रिया नहीं पूरी हो पाती, ऐसे में कंपनी से काम लिया जा रहा है.


बीजेपी के पूर्व पार्षद राजेंद्र शुक्ला कहते हैं कि पूरे शहर में कूड़ा उठान की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है. बावजूद इसके उस कंपनी पर कुछ बड़े अधिकारियों की मेहरबानी हो रही है. उसका भुगतान हो रहा है. हमारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि उसके भुगतान की जांच कराई जाए और लखनऊ में कूड़ा उठान की व्यवस्था बेहतर की जाए. समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि चीनी कंपनी के खिलाफ अधिकारी पूरी तरह से मेहरबान हैं. पूरे शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर नजर आते हैं, लेकिन इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. टेंडर निरस्त करने की प्रक्रिया पूरी की गई, लेकिन बाद में फिर कंपनी पर मेहरबानी कर दी गई. 11 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा रहा है. नगर निगम चुनाव में समाजवादी पार्टी चुनाव जीतेगी और समाजवादी पार्टी का मेयर होगा तो नई कंपनी को काम दिया जाएगा.

प्रदूषण बोर्ड की टीम ने शिवरी प्लांट का किया निरीक्षण.

प्रदूषण बोर्ड की टीम ने शिवरी प्लांट का किया निरीक्षण :केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से रुनाव राव, वैज्ञानिक एवं विनोद कुमार असिस्टेंट इंजीनियर यूपीसीबी ने गुरुवार को शिवरी स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम ने इनटेक मैनेजमेंट एवं लीचेड होल्डिंग टैंक के निर्माण को देखा. साथ ही लीचेड प्लांट से बाहर न जाने पाए इसको लेकर निरीक्षण के दौरान सावधानियां बरतने की सलाह दी. इस दौरान लिजेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए निगम की ओर से लगाई गई 100 टन प्रति घंटे यानी कि 100 टीपीएच की क्षमता वाली मशीन को देख कर राव एवं विनोद ने सराहना की. इसके अतिरिक्त बायो कल्चर के छिड़काव की प्रक्रिया की सराहना की. निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव, पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान तथा अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.

नगर निगम का कंट्रोल रूम हाईटेक हुआ :शहरवासियों को समस्याओं के निराकरण के लिए निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे. नगर निगम का हाईटेक कंट्रोल रूम (वॉर रूम) शुरू हो गया है. कोई भी अपनी शिकायत कॉल करने के साथ ही व्हाट्सएप से भी कर सकता है. नगर निगम सीमा में कोई भी किसी भी समस्या के लिए कंट्रोल नंबर व ऑनलाइन शिकायत कर सकता है. शहरवासी कहीं से भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. अभी तक आरआर वर्कशाप के पास वॉर रूम चल रहा था. अब स्मार्ट सिटी आफिस में ही नगर निगम का वॉर रूम शिफ्ट कर दिया गया है. नगर निगम की कायापलट के बाद इसकी बदहाल स्थिति में भी सुधार दिखाई देना लगा है. अभी तक नगरीय सुविधाओं की शिकायतों को लेकर लोगों को शिकायत दर्ज कराना मुश्किल होता है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इसके बेहतर बनाने के निर्देश दिए थे. नगर विकास विभाग से जारी 1533 (मुख्य टोल फ्री नंबर) पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा 9219902911, 9219902912 (व्हाट्सएप व कॉल), 9219902913, 9219902914 (कॉल) पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है.

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