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यूपी के अपराधियों को भाते हैं पुलिस के लूटे हुए हथियार, कई बार लूटी जा चुकी कार्बाइन

उत्तर प्रदेश में पुलिस के हथियारों को लूटने वाले गैंग फिर से सक्रिय हो गये हैं. पुलिस से कार्बाइन लूटने वाला गैंग (carbine robbery gang) किसी बड़े अपराध को अंजाम देने की फिराक में है. पूर्व डीजीपी ने कहा कि कार्बाइन एक ऑटोमेटिक हथियार (automatic weapon) है जो कभी धोखा नहीं देती है.

सुलतानपुर कार्बाइन लूट की वारदात पर पूर्व डीजीपी एके जैन ने कही बातें..
सुलतानपुर कार्बाइन लूट की वारदात पर पूर्व डीजीपी एके जैन ने कही बातें..

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Published : Oct 27, 2022, 6:53 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 7:21 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोई बड़ी आपराधिक घटना होने वाली है या फिर पुलिस के हथियारों को लूटने वाले गैंग फिर से सक्रिय हो गये हैं. ऐसे ही कई सवाल पुलिस अधिकारियों के दिमाग में उठ रहे हैं. इसका कारण है 25 अक्टूबर को सुल्तानपुर में चलती श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में विधायक मुन्नू अंसारी के गनर से उसकी कार्बाइन लूट (carbine robbery gang) की घटना हुई. इस घटना के बाद जीआरपी व स्थनीय पुलिस के अलावा यूपी एसटीएफ (UP STF) भी सतर्क हो गई है.

बीते कुछ सालों में जब भी पुलिस के हथियारों की लूट हुई है. उसके पीछे अपराधियों का किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना मकसद होता है. यूपी पुलिस के जवानों से लूटी गई कार्बाइन या 9mm पिस्टल न सिर्फ यूपी बल्कि बिहार व पंजाब तक ले जाई जाती है इनसे बड़ी वारदातो को अंजाम दिया जाता रहा है. हालांकि यूपी पुलिस ने कई बार ऐसे गिरोह के सरगनाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है.

सुलतानपुर कार्बाइन लूट की वारदात पर पूर्व डीजीपी एके जैन ने कही बातें..




पुलिस से लूटी हुई पिस्टल से NIA अफसर की हत्या-ः25 नवंबर 2015 को लखनऊ में रहने वाले जज एएन शुक्ला के गनर की खूंखार अपराधी मुनीर (dreaded criminal Munir) ने हत्या कर पिस्टल लूट ली थी. पिस्टल की लूट के बाद पुलिस के होश इस बात को सोच कर उड़ गये कि आखिरकार पुलिस के हथियारों को लूटने वाला कौन सा नया गैंग पैदा हो गया है. 5 महीने बाद ही एनआईए (NIA) अफसर तंजील अहमद और उनकी पत्नी की लूटी हुई पुलिस की इसी पिस्टल से हत्या कर दी गई थी. जब मुनीर को गिरफ्तार किया गया था तो उसने कबूल किया था कि उसके पास कई हथियार थे. लेकिन पुलिस के हथियार से हत्या करने का मजा ही कुछ ओर है. यही नहीं उसने पुलिस की कार्बाइन व एके47 लूटने की भी योजना बनाई थी.

कार्बाइन लूट कर पंजाब में देना था वारदात को अंजाम-ःपुलिस के लूटे हुए हथियार से पंजाब में सनसनी फैलाने की भी कोशिश की जा चुकी है. एनसीआर के खूंखार सौरभ गुर्जर गैंग (NCR dreaded Saurabh Gurjar) ने हापुड़ की जिला पंचायत अध्यक्ष के गनर की 25 जुलाई 2021 को कार्बाइन लूट ली थी. गैंग का इसी कार्बाइन से पंजाब में एक राजनीतिक दल की जनसभा में फायरिंग कर माहौल बिगाड़ने का मकसद था.


रईस गैंग ने पुलिस की पिस्टल से लखनऊ में की ठेकेदार की हत्या-ःलखनऊ में बिहार के रईस गैंग (Bihar Rais Gang) के शूटर फिरदौस ने गोरख ठाकुर की दिनदहाड़े हत्या की थी. इस हत्या में 9mm पिस्टल का प्रयोग किया गया था. लखनऊ पुलिस ने घटना के करीब एक महीने बाद जब 3 शूटर को मुठभेड में गिरफ्तार किया था. उनके पास से पुलिस की लूटी हुई 9mm पिस्टल भी बरामद हुई थी. हालांकि यह पिस्टल किस पुलिस अधिकारी की थी उसका पता फिलहाल पुलिस लगा रही है.



प्रदीप व दाढ़ी गैंग कार्बाइन लूटता था-ःपूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रदीप व दाढ़ी गैंग जब भी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता था, उससे पहले पुलिस की कार्बाइन की लूट करते और फिर हत्याओं को अंजाम देते थे. पुलिस इस गैंग के कई सदस्यों के पास से कार्बाइन बरामद कर चुकी है.

कार्बाइन लूट कर बिहार में बेचते हैं जहरखुरानी-ःयूपी में ट्रेन से सफर करने वाले पुलिस सिपाहियों के पास मौजूद कार्बाइन पर ऐसे जहर्खुरानी गैंग (jharkhurani gang) की भी नजर रहती है जो उसे लूट कर बिहार में अपराधियों को बेचते हैं. 3 अप्रैल 2019 को गोरखपुर के पूर्व मंत्री के गनर से ट्रेन में सफर के दौरान कार्बाइन लूट ली गई थी. गनर ने बताया था कि उसे कुछ खिलाया गया और बेहोश होने पर उसकी कार्बाइन लूट ली गई. यूपी एसटीएफ ने जब जहरखुरानी गैंग के सदस्य को मय लूटी हुई कार्बाइन के साथ गिरफ्तार किया तो सामने अया कि उसका गैंग इन्हें बिहार में अपराधियों को बेचता है.



जुलाई 2018 को लखनऊ के आलमबाग में वीआईपी ड्यूटी कर लौट रहे दारोगा से दो अपराधियों ने असलहा दिखा कर सरकारी पिस्टल लूट ली थी. लखनऊ पुलिस व यूपी एसटीएफ के तमाम कोशिशों के बाद भी लूटी हुई पिस्टल व बदमाश दोनों ही नहीं खोजे जा सके थे.


यूपी और बिहार कार्बाइन का सबसे बड़ा बाजार-ःरिटायर्ड डिप्टी एसपी एस शुक्ला (Retired Deputy SP S Shukla) बताते हैं कि पुलिस व सेना से लूटी हुई कार्बाइन का सबसे बडा बाजार बिहार व यूपी बॉर्डर हुआ करता था. 90 के दशक में एक कार्बाइन की कीमत 25 हजार होती थी जो बिकते बिकते 60 हजार तक पहुंच जाती थी. मौजूदा समय में कार्बाइन की कीमत 3 लाख तक है. लूटे हुए पुलिस के हथियारों को इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद थोक में ऑर्डर मिलने पर उसे नक्सलियों व संगठित आपराधिक गिरोह को बेच दिया जाता है. शुक्ला कहते हैं कि पुलिस से कार्बाइन लूटने की हिम्मत छोटे अपराधियों में नही होती है. इसके पीछे किसी बड़े गैंग या अपराधी ही होते हैं. ऐसे में विधायक के गनर से हुई कार्बाइन लूट की घटना को हल्के में नही लेना चाहिए.


पूर्व डीजीपी एके जैन (Former DGP AK Jain) कहते हैं कि कभी-कभी कुछ छोटे अपराधी जो बड़ा हथियार लेना चाहते हैं उन्हें कार्बाइन देखकर लालच आ जाता है. फिर वे अपराधी उसे लूट लेते हैं. जैन कहते हैं कि सुल्तानपुर में गनर से कार्बाइन किसी छोटे अपराधी ने लूटी है या फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लूटी गई है यह तो घटना का खुलासा होने के बाद ही पता चल सकेगा लेकिन यह जरुर है कि कार्बाइन एक ऑटोमेटिक हथियार है. इसकी फायर पावर मजबूत होती है. सबसे अधिक इसकी खासियत होती है कि कभी धोखा नहीं देती है इसलिये अपराधी इसका सबसे अधिक इस्तेमाल करना चाहते हैं.


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Last Updated : Oct 27, 2022, 7:21 PM IST

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