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लखनऊ विश्वविद्यालय में बनेगी यूपी के गुमनाम शहीदों की गैलरी, यह होगा खास

लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने गुमनाम शहीदों के लिए एक गैलरी बनाने का फैसला किया है. आजादी के अमृत महोत्सव के तौर पर विवि के कुलपति ने इस पहल की शुरुआत की है.

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Published : May 30, 2023, 7:23 PM IST

जानकारी देते लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय

लखनऊ :लखनऊ विश्वविद्यालय में देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद क्रांतिकारियों को लेकर एक नई पहल की है. विश्वविद्यालय में गुमनाम शहीदों के लिए एक गैलरी बनाने का फैसला किया है. इस गैलरी में इन शहीदों से जुड़ी सभी जानकारियां प्रस्तुत की जाएंगी. गुमनाम शहीदों की गैलरी तैयार करने के लिए छात्रों व विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की जाएगी. जो देश के प्रथम स्वतंत्र आंदोलन से लेकर आजादी मिलने तक उत्तर प्रदेश के क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर उनके बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एक गैलरी के रूप में उन्हें स्थापित करेंगे. आजादी के अमृत महोत्सव के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इस पहल की शुरुआत की है.

मिलेगी जानकारी

गुमनाम क्रांतिकारियों के बारे में जान सकेंगे :कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि 'हम आजादी का 75वां वर्ष अमृत काल के तौर पर मना रहे हैं. हमारी देश की आजादी के लिए हजारों क्रांतिकारियों व शहीदों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है. मौजूदा समय में बड़े क्रांतिकारियों का नाम तो लोगों को आज भी याद है, लेकिन हजारों क्रांतिकारी व शहीद ऐसे हैं, जो आज गुमनाम हो गए हैं. उनके बारे में न तो कहीं कोई रिकॉर्ड संरक्षित है और न ही उनके बारे में पढ़ाया ही जा रहा है. ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय अपने सभी क्रांतिकारियों की यादों को सहेजने के लिए और उनके बलिदानों को लोगों के सामने रखने के लिए इस नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है. प्रोफेसर राय ने बताया कि विश्वविद्यालय आर्ट्स कॉलेज में साबरमती आश्रम के तर्ज पर गांधी जी का आश्रम बना रहा है. उसी आश्रम में गुमनाम क्रांतिकारियों से जुड़े तथ्यों की जानकारी के लिए एक गैलरी भी बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के मॉडर्न हिस्ट्री विभाग ने ऐसे गुमनाम क्रांतिकारियों पर एक किताब लिखी है. उसी किताब के आधार पर यहां पर यह गैलरी तैयार की जाएगी.'




गैलरी में इन्हें किया जाएगा शामिल


प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि 'इस गैलरी में भारत की स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता को भी जगह दी जाएगी. 9 अगस्त 1942 को जब महात्मा गांधी व अन्य कांग्रेस के नेता गिरफ्तार कर लिए गए, तब भूमिगत रहकर 'भारत छोड़ो आंदोलन' को पूरे देश में फैलाया. जैसे डॉ. लोहिया, अच्युत पटवर्धन, सादिक अली, पुरूषोत्तम टिकरम दास, मोहनलाल सक्सेना, रामनन्दन मिश्रा, सदाशिव महादेव जोशी, साने गुरूजी, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, अरूणा आसिफ अली, सुचेता कृपलानी और पूर्णिमा बनर्जी आदि से जुड़ी जानकारियां भारत की आजादी में उनके योगदान व उनके द्वारा उठाए गए कदमों को इस गैलरी में प्रस्तुत किया जाएगा. इसके अलावा काकोरी कांड में शामिल रहे क्रांतिकारियों जो आज गुमनाम हैं, इस गैलरी में उनके बारे में भी जानकारी दी जाएगी.'

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