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लखनऊ में कोरोना से पहली मौत, जानिए किस गाइडलाइन के तहत होगा अंतिम संस्कार - केजीएमयू

राजधानी लखनऊ में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पहली मरीज की मौत हो गई. कोरोन संक्रमित शव का अंतिम संस्कार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाइडलाइंस दी गई है, जिसके तहत संक्रमित शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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गाइडलाइंस के तहत होगा अंतिम संस्कार.

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Published : Apr 15, 2020, 8:05 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की मौत हो गई. बीते दिनों राजधानी लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में सैंपल टेस्ट हुआ था, जिसमें उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आई थी. इसके बाद से ही इस मरीज का इलाज केजीएमयू में चल रहा था. हालत मरीज की हालत गंभीर होने की वजह से उसे दो दिन से वेंटिलेटर पर रखा गया था, जहां बुधवार को उसकी मौत हो गई. कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाइडलाइंस जारी की गई हैं.

गाइडलाइंस के तहत होगा अंतिम संस्कार.
कोविड-19 संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद मरीज के शव का अंतिम संस्कार कैसे होगा. इसको लेकर बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की तरफ से देशभर के सभी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों को गाइडलाइन जारी की गई हैं. इसके तहत ही अब राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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कोविड-19 का प्रसार मुख्यतः ड्रॉपलेट (बूंद जो की खांसते व छींकते समय ज्यादा रहती हैं) उससे ही फैलता है. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मचारियों को ग्लव्स, मास्क ,चश्मा के आदि पहन कर ही मृत शरीर को छूना होगा. शव को कीटाणु रहित लीक न होने वाले बैग या लेनिन बैग आदि में ही रखना है. कैथेटर, ट्यूब, ड्रेनेज, कैनुला आदि चिकित्सा उपकरणों को एक फीसदी हाइपोक्लोराइट आदि से भी विसंक्रमित करना और सुरक्षित रख डिस्पोज करना है.

मृत शरीर के तरल रिसाव वाले क्षेत्र नाक, मुंह, कान आदि को सबसे पहले बंद कर देना है. अस्पताल की चादर, गद्दा आदि को सुरक्षित रखकर साफ करना या डिस्पोज करना होगा. फर्स्ट टेबल बेड के हत्थे अधिक खुला स्थान को सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ करके 40 मिनट खुले में रखना होगा. शव को 4 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित करके फ्रिज में रखना होगा.

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इसके साथ-साथ शव पर किसी प्रकार का लेप नहीं लगाना है और पीपीई किट पहनकर पोस्टमार्टम करना है. पोस्टमार्टम अति आवश्यक होने पर पोस्टमार्टम के समय प्रयोग उपकरणों व औजारों को सही से भिन्न विसंक्रमित करना होगा. वहां कम से कम फॉरेंसिक विशेषज्ञ व कर्मचारी आदि होने चाहिए. इसके साथ ही शव को परिजनों को सौंपने पर खुले हिस्से को सोडियम हाइपोक्लोराइट से संक्रमण मुक्त करना होगा.

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