जयपुर. अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के काम में अब जल्द ही गति आएगी. विश्व हिंदू परिषद के साथ मिलकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास देश भर में मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी से 27 फरवरी तक राम मंदिर निधि संग्रहण अभियान चलाएगा. राजस्थान में अभियान 31 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा. न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने जयपुर प्रवास के दौरान यह बात कही.
संक्रांति से शुरू होगा राम मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रहण अभियान. गोविंद देव गिरी महाराज के अनुसार अभियान के तहत कम से कम 40 लाख गांव तक संपर्क किया जाएगा. जिसमें कम से कम 11 करोड़ हिंदू परिवार तक हम संपर्क करेंगे. उनके अनुसार धन संग्रह के जरिए समाज के सबसे अंतिम तबके तक पहुंच कर उनके सामर्थ्य के अनुसार इस काम में सहयोग लिया जाएगा. उनके अनुसार अभियान के जरिए यह भी मकसद रहेगा कि आमजन में श्री राम मंदिर के साथ उनकी सेवा भावना जोड़ी जाए, जो आमजन के अंतर्मन में राम भक्ति का जागरण करेगी.
मंदिर निर्माण में सीमेंट, लोहे का नहीं होगा इस्तेमाल...
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का कोई लक्ष्य नहीं है और ना ही मोटे तौर पर मंदिर निर्माण में कितना खर्चा होगा, यह अब तक तय हो पाया है. हालांकि उनका यह कहना है कि मोटे तौर पर मंदिर निर्माण में करीब 1100 करोड़ की कम से कम लागत आएगी और यह इससे अधिक भी पहुंच सकती है.
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गोविंद देव गिरी महाराज की मानें तो अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर काफी भव्य बनाया जाएगा और यह ठीक उसी तरह बनाया जाएगा, जिसकी परिकल्पना 30 वर्ष पहले कुंभ में साधु-संतों और स्वर्गीय अशोक सिंघल जी ने की थी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास कोषाध्यक्ष ने बताया कि मंदिर निर्माण में लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल भी नहीं होगा. उनके अनुसार पुरातन काल में बनाए गए मंदिरों में कभी सीमेंट या लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ था और इस राम मंदिर निर्माण में भी यही होगा.
10, 100 और 1000 रुपये के होंगे कूपन...
धन संग्रह अभियान के दौरान तीन प्रकार के कूपन तैयार किए गए हैं, जिसमें 10 रुपए, 11 रुपये और 1000 के कूपन शामिल हैं. गोविंद देव गिरी महाराज के अनुसार जिन राम भक्तों की जितनी श्रद्धा होगी वो उसके अनुसार अपना सहयोग दे सकता है. उन्होंने कहा कि 10 रुपये का कूपन इसीलिए बनाया गया है, ताकि झुग्गी-झोपड़ी तक पहुंच कर नीचे तक के परिवारों को इस पुनीत कार्य में जोड़ा जा सके.
मौजूदा मंदिर निर्माण में यह क्या परिवर्तन...
पत्रकारों से मुखातिब हुए गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि पहले मंदिर में 3 शिखर बनाए जाने थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 शिखर कर दिया गया है. वहीं इसके शिखर की हाइट पहले 121 फीट रखी गई थी, लेकिन अब इसे 161 फीट कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए बीते 30 वर्षों से शिलालेखों के निर्माण का काम चल रहा है, जो 40 फ़ीसदी पूरा भी हो गया है. वहीं पहले चरण में परकोटे के अंदर मंदिर का निर्माण होगा और दूसरे चरण में परकोटे के बाहर 108 एकड़ में निर्माण कार्य चलेगा. इसमें यज्ञशाला व अन्य धार्मिक स्थान भी बनाए जाएंगे. इसी परिसर में आधुनिक पद्धति वाला डिजिटल लाइब्रेरी भी बनेगी, जिसमें भगवान राम और सनातन संस्कृति का दर्शन हो सकेगा.
केवल पूजा-पाठ का स्थल नहीं, बल्कि संसार की सांस्कृतिक राजधानी बनेगा अयोध्या...
गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा कि हम चाहते हैं कि अयोध्या का मंदिर केवल मंदिर और पूजा-पाठ का स्थल ना बने, बल्कि इसके साथ वो सांस्कृतिक केंद्र भी बने, जहां जीवन मूल्य की जानकारी मिल पाए. उनके अनुसार अयोध्या संसार की सांस्कृतिक राजधानी बने यह हम चाहते हैं और इसी दिशा में हम काम भी करेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व में जहां पर भी राम भक्त है हम उनसे सेतु का काम करेंगे. फिर चाहे वह किसी भी देश में क्यों ना रहता हो.
बंसी पहाड़ खनन पर रोक, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार भी करेगी मदद...
वहीं, जब गोविंद देव गिरी महाराज से पूछा गया कि जिस बंशी पहाड़ के खतरों से इस मंदिर के शिलालेखों का निर्माण हो रहा है, उस पहाड़ पर खनन पर प्रदेश सरकार ने रोक लगा दी है. ऐसे में निर्माण कार्य प्रभावित नहीं होगा, तब उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के कार्य में ना केवल केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकार की पूरी मदद करेगी और जो रोक लगी है, वह भी हट जाएगी. क्योंकि सबके मन में भगवान श्रीराम हैं और राम भक्ति जब जागृत होगी तो यह मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा.
स्टैचू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर होगी भव्यता...
गोविंद देव गिरी महाराज के अनुसार अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण भव्य होगा. उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि जिस प्रकार गुजरात में सरदार पटेल का स्टैचू ऑफ यूनिटी बनी है, उसके आसपास का जो वातावरण है, उसी तरह अयोध्या भगवान राम मंदिर के आसपास भी वातावरण हो. राजस्थान में धन संग्रहण अभियान के लिए 26 लोगों की समिति बनाई गई है और उस पर 9 लोगों को संरक्षण मंडल में शामिल किया गया है, जो राजस्थान में जन संगठन निधि अभियान को अंजाम देंगे.