लखनऊ: लखनऊ नगर निगम में तेल चोरी का गंदा खेल चल रहा है. अधिकारी और कर्मचारियों की सांठगांठ से लाखों के वारे-न्यारे हो रहे हैं. इतना ही नहीं तेल चोरी करके खुलेआम उसे बेचा जा रहा है. लेकिन इस खेल में सभी के शामिल होने के कारण खामोशी बनी हुई है. बता दें कि 2 दिन पहले ही नगर निगम के अधिकारियों ने गोमती नगर स्थित केंद्रीय कार्यशाला से तेल चोरी का मामला पकड़ा है. इसमें विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही हैं. लेकिन इस पूरे खेल की जड़ें काफी गहरी नजर आ रही हैं. जनता की गाढ़ी कमाई का लाखों रुपया हर महीने तेल चोरी की आड़ में अधिकारियों और कर्मचारियों की जेबों में जा रहे हैं.
नगर निगम में करीब 700 गाड़ियां है. इनमें तेल की सबसे ज्यादा मांग कूड़ा उठाने वाले ट्रक व हाईवा चलाने वाले करते हैं. रोजाना का 60 से 100 लीटर तक डीजल मिलता है. एक अनुमान के मुताबिक ड्राइवर इसमें से आधे से अधिक चोरी कर बेच लेते हैं. यह सारा खेल गाड़ी संचालन और तेल जारी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी में होता है. इस पूरे खेल में सभी का हिस्सा बंटा हुआ है. नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि सबसे अधिक 40000 महीना तक हाईवा चलाने वाला देता है. इसी तरह सबसे कम 10 से 15000 छोटा हाथी चलाने वाला देता है.
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रात 10 बजे के बाद होती है चोरी
जानकारों की मानें तो तेल चोरी का यह खेल केंद्रीय कार्यशाला के सामने कंपोस्ट प्लांट में चल रहा है. यह केंद्रीय कार्यशाला गोमती नगर में स्थापित है. इसके अलावा बाला कदर रोड स्थित मार्ग प्रकाश कार्यालय पर भोर में और रात 10 बजे के बाद तेल चोरी का काम किया जाता है.