लखनऊ :अब प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (Prime Minister Safe Motherhood Campaign Day) पर जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को भूखे-प्यासे बैठने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभियान के तहत गर्भवतियों को नि:शुल्क जलपान की सुविधा भी मिलेगी. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की तरफ से बजट का प्रावधान किया गया है. पीपीपी मॉडल पर अल्ट्रासाउंड जांच भी होगी.
हर माह 24 तारीख को सामुदायिक व दूसरी स्वास्थ्य ईकाईयों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है. इसमें गर्भवती महिलाओं की जांच समेत दूसरी स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. कई बार महिलाओं को जांच आदि में काफी समय लगता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को भूखे-प्यास जांच व डॉक्टर की सलाह के लिए इंतजार करना पड़ता है. गर्भवती महिलाओं के लिए अभियान के तहत जलपान व अल्पाहार के इंतजाम का प्रावधान किया गया है. एनएचएम की तरफ से अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 1500 रुपये प्रदान किए जाएंगे, ताकि गर्भवती महिलाओं के लिए जल पान की व्यवस्था की जा सके.
सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. ग्रामीण क्षेत्र के सभी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं है. महिलाओं को जिला स्तरीय ईकाईयों पर रेफर करना पड़ रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए असुविधा उठानी पड़ रही है. महिलाओं को दुस्वारियों से बचाने के लिए पीपीपी मॉडल पर अल्ट्रासाउंड जांच का प्रावधान किया गया है. गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस में पीपीपी मॉडल पर अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. जिन केंद्रों में ज्यादा गर्भवती होंगी उनमें प्राथमिकता के आधार पर सुविधा लागू की जाएगी.
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सुरक्षित प्रसव के लिए महिलाएं डॉक्टर की सलाह पर समय पर जांच व इलाज कराएं. सरकार की तरफ से अस्पतालों में लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. केंद्र की मोदी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहद गंभीर है. कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं.
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