लखनऊ:उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार को 100 दिन की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा एवं युवा कल्याण सेक्टर के विभागों की तरफ से प्रस्तुत 100 दिन के कार्य योजना के संबंध में दिशा-निर्देश दिए. इसके तहत एक ओर जहां शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर पारंपरिक शिक्षा को रोजगार और कौशल विकास से भी जोड़ा है.
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश किए जारी
● अभ्युदय योजना ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त और स्तरीय तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफार्म दिया है. इसे और व्यवस्थित किया जाना चाहिए. अभी मंडल मुख्यालयों पर संचालित इन कक्षाओं को सभी 75 जिलों में विस्तार दिया जाए.
● शिक्षण संस्थानों में बच्चों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माहौल के विकास किया जाए. यह बच्चों के सर्वांगीण विकास का सहज माध्यम है. शैक्षिक गुणवत्ता के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए.
● प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को समयानुकूल अपडेट किया जाना आवश्यक है. ड्रोन टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे अधुनातन विषयों का समावेश कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए.
● वोकेशनल एजुकेशन में बाजार की जरूरत के अनुसार स्किल्ड युवाओं को तैयार किया जाना चाहिए. इसी प्रकार कृषि शिक्षा में नवाचारों के समावेश जरूरी है. इस दिशा में ठोस प्रयास अपेक्षित है.
● मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय मेरठ का निर्माण कार्य तेजी से किया जाए. इसके कुलपति पद पर खेल जगत की प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को स्थान दिया जाना चाहिए.
● कमिश्नरी स्तर पर स्पोर्ट कॉलेज, स्पोर्ट अकादमी की स्थापना के लिए पीपीपी मॉडल अपनाने पर विचार किया जाए. इन्हें खेल की किसी एक-एक विधा से जोड़ा जाए.
● प्रत्येक शैक्षिक संस्थान में यथासंभव कॅरियर काउंसिलिंग सेल का गठन होना चाहिए.
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● आईटीआई व पॉलिटेक्निक सहित अन्य तकनीकी संस्थाओं को ओडीओपी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर समायानुकूल ट्रेड से जोड़ा जाए. अप्रेंटिसशिप योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक युवाओं को जोड़ने का प्रयास हो.
● परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के नामांकन का लक्ष्य लेकर नियोजित ढंग से कार्य करें. समस्त छात्र-छात्राओं का शत प्रतिशत आधार पंजीकरण कराया जाए. छात्रों के वर्तमान अधिगम स्तर का आकलन स्वतंत्र संस्था द्वारा मूल्यांकन के माध्यम से कराया जाए.
● परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा से अगले 100 दिनों में लाभान्वित किया जाए.
● अगले 06 माह की अवधि में समस्त छात्र-छात्राओं को यूनीफार्म, बैग, स्वेटर, जूता-मोजा की धनराशि का डीबीटी के माध्यम से अंतरण कर दिया जाए. यह सुनिश्चित कराएं कि बच्चे गणवेश में ही विद्यालय आएं. 02 वर्ष में के भीतर प्रदेश में अध्ययनरत समस्त छात्र छात्राओं को चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ने की कार्यवाही की जाए.
● समस्त परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक क्लास रूम की स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्य करें. प्रत्येक ब्लॉक में कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की स्थापना के प्रयास हों.
● एनआईआरएफ की तर्ज पर स्टेट इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी किया जाए. इससे संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा होगा. बेहतरी के लिए प्रयास का बोध होगा. छात्र को दाखिला लेना हो या सेवायोजन कम्पनी प्लेसमेंट करना हो, संस्था का चयन करने में सुविधा होगी.
● प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय फार्मेसी एवं बायो इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड अर्बन मैनेजमेंट की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए.
● व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से हम न सिर्फ युवाओं को आत्मनिर्भर बना सकते हैं बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन यूएस डॉलर इकोनामी में भी महती भूमिका निभा सकते हैं.
● पांच "लाइट हाउस आईटीआई'" का विकास किया जाए. विशिष्ट कौशल मांग के अनुरूप यहां छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए. यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय मानक के होंगे, जो भविष्य में इस क्षेत्र में बेंचमार्क इंस्टिट्यूट साबित होंगे.
● प्रत्येक विकास खंड में आईटीआई और राजकीय आईटीआई में स्मार्ट क्लास का निर्माण किया जाए. सभी ट्रेड्स के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जाए. राज्य आईटीआई की ग्रेडिंग और रैंकिंग सुनिश्चित करें.
● मंगल दल खेल-कूद के साथ युवाओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का शानदार मंच बनकर उभरे हैं. मंगल दलों द्वारा फिट इंडिया, नमामि गंगे, वृक्षारोपण, रक्तदान, स्वच्छता, कोविड से राहत एवं बचाव आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए। आगामी 100 दिनों में 1,000 और 02 वर्ष में 11,000 मंगल दलों का गठन करने की कार्यवाही होनी चाहिए.
● आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार राज्य में खेल संबंधी अवस्थापना सुविधाओं का लगातार विकास कर रही है. इन प्रयासों को और नियोजित स्वरूप देते हुए यथाशीघ्र मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत की जाए.
● यथाशीघ्र प्रदेश की नई खेल नीति तैयार की जाए. इसमें खेल जगत के प्रोफेशनल की मदद भी ली जानी चाहिए.
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