लखनऊ: लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन (Charbagh Railway Station) की तरफ से गुजरने वाले यात्री ठगी का शिकार हो रहे हैं. इंटीग्रेटेड पार्किंग बंद (Integrated parking at Lucknow Railway Station) होने के बाद भी यात्रियों से वसूली की जा रही है. यह वसूली पार्किंग के नाम पर हो रही है. ओला और उबर कंपनियों की कैब के ड्राइवर यात्रियों से इंटीग्रेटेड पार्किंग के नाम पर 20 रुपये अतिरिक्त वसूल रहे हैं, जबकि इंटीग्रेटेड पार्किंग बंद हो चुकी है. यात्री ठगे जा रहे हैं फिर भी जिम्मेदारों को इससे कोई मतलब नहीं है.
इंटीग्रेटेड पार्किंग पिछले कई सप्ताह से बंद पड़ी है. बावजूद इसके ओला और ऊबर की कैब के चालक बुक कराने वाले पैसेंजर से उनके बिल के साथ 80 रुपये का अतिरिक्त चार्ज अलग से ऐड (Fraud in Lucknow) कर रहे हैं. इसमें चारबाग स्टेशन का पार्किंग शुल्क 20 रुपये और लखनऊ जंक्शन के कैब वे का टोल 60 रुपये शामिल है. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के चारबाग रेलवे स्टेशन पर रेल प्रशासन ने इंटीग्रेटेड पार्किंग की व्यवस्था प्रारंभ की थी. इससे चारबाग रेलवे स्टेशन की तरफ प्रवेश करने वाले वाहनों से शुल्क वसूलना शुरू कर दिया गया.
लखनऊ रेलवे स्टेशन पर नहीं बचा इंटीग्रेटेड पार्किंग का नामोनिशान, फिर भी यात्रियों से वसूला जा रहा पैसा - Charbagh Railway Station
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन की तरफ से गुजरने वाले यात्री खुद को ठगा से महसूस करते हैं. कैब के ड्राइवर यात्रियों से इंटीग्रेटेड पार्किंग (Integrated parking at Lucknow Railway Station) के नाम पर 20 रुपये अतिरिक्त ले लेते हैं.
ओला और ऊबर कंपनी ने कैब बुक कराने वाले यात्रियों से उनके बिल में ही 20 रुपये जोड़ना शुरू कर दिया. ऐसे में लखनऊ जंक्शन तक आने वाली कैब का कुल 80 रुपये यात्रियों के बिल में जोड़ा जाने लगा. डेढ़ माह के अंदर ही इंटीग्रेटेड पार्किंग व्यवस्था बंद हो गई. ठेका लेने वाली कंपनी, रेलवे की लाइसेंस फीस तक जमा नहीं कर पायी. लखनऊ में इंटीग्रेटेड पार्किंग बंद हो गई. इसके बावजूद अब तक कैब बुक कराने वाले यात्रियों से 20 रुपये अतिरिक्त की वसूली जारी है.
बता दें कि हर रोज चारबाग से शहर के विभिन्न हिस्सों के लिए तकरीबन 450 कैब बुक होती हैं. काफी संख्या में चारबाग रेलवे स्टेशन या लखनऊ जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने आने के लिए यात्री कैब का सहारा लेते हैं. यहां पर उन्हें पार्किंग का भी पैसा भरना पड़ता है. इंटीग्रेटेड पार्किंग का ठेका लेने वाले ठेकेदार को पहले माह ही इतना घाटा हो गया कि उसे भागना पड़ गया.
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