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फर्जी निवेश स्कीम से करोड़ों की ठगी, कॉपरेटिव सोसाइटी के सचिव पर केस

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ जोन कार्यालय ने फर्जी निवेश स्कीम (पोंजी स्कीम) के जरिए निवेशकों से करोड़ों की ठगी सामने आई है. ईडी ने मेसर्स गब ग्राम विकास क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी और उसके सचिव पर प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया है.

फर्जी दस्तावेजों के जरिए निवेशकों से करोड़ों की ठगी
फर्जी दस्तावेजों के जरिए निवेशकों से करोड़ों की ठगी

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Published : Mar 16, 2021, 9:54 AM IST

लखनऊ: राजधानी में फर्जी निवेश स्कीमों के जरिए निवेशकों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ जोन कार्यालय ने पोंजी स्कीम(फर्जी निवेश स्कीम) के जरिए निवेशकों से करोड़ों की ठगी करने वाली मेसर्स गब ग्राम विकास क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी और उसके सचिव गिरीश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ सोमवार को प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया है


सोसाइटी के पदाधिकारियों ने एफडी, आरडी व एमडब्ल्यू जैसी योजना के तहत की ठगी

आरोप है कि निवेशकों को धोखा देने के लिए मेसर्स गब ग्राम विकास क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के नाम के एक सोसाइटी का गठन किया गया था. इस सोसाइटी द्वारा अपने सदस्यों और अन्य व्यक्तियों के माध्यम से निवेशकों के धन को डायवर्ट कर उसका दुरुपयोग किया गया. सोसाइटी के पदाधिकारियों ने आपराधिक साजिश रचते हुए एफडी, आरडी व एमडब्ल्यू जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निवेशकों से ठगी की.

वित्तीय दस्तावेजों में पाई गईं अनिमितता

निवेशकों को धोखा देने के लिए जाली व झूठे दस्तावेजों व प्रमाणपत्रों आदि का भी उपयोग कियाल गया. सोसायटी के वित्तीय दस्तावेजों में विभिन्न अनियमितताएं पाई गई हैं. अभियुक्तों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए एजेंटों, कर्मचारियों और सदस्यों आदि के माध्यम से निवेशकों से भारी जमा स्वीकार करके करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की. निवेशकों द्वारा जमा की गई राशि का भुगतान नहीं किया गया और भुगतान की मांग करने पर निवेशकों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. कुछ निवेशकों को सोसाइटी की तरफ से जारी किए गए चेक भी बाउंस हो गए.

आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों को ईडी करेगा जब्त

आरोपियों ने यूपी के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, झारखंड, पंजाब और पश्चिम-बंगाल में भी अपना जाल फैला रखा था. ईडी की जांच में सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों को चिह्नित किया जा रहा है. अपराध की आय का उपयोग करके खरीदी गई चल-अचल संपत्तियों को ईडी जब्त करेगा. सोसाइटी के अन्य सदस्यों और संबंधित निजी व्यक्तियों की भूमिका की भी ईडी द्वारा जांच की जाएगी.

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