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वीआईपी कोटे से कंफर्म कराते थे टिकट, मंडल के विशेष दस्ते ने दबोचा

लखनऊ में जालसाज वीआईपी कोटे से टिकट बुक करा रहे हैं. रेलवे के अधिकारियों को हाल ही में इस तरह की जानकारी मिली. इसके बाद टीम बनाकर इस खेल का पर्दाफाश किया गया.

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Published : Jun 24, 2021, 10:23 PM IST

टिकट बुकिंग में धांधली
टिकट बुकिंग में धांधली

लखनऊ: रेलवे में वीआईपी कोटे का जमकर दुरुपयोग पहले भी होता रहा है और अब भी हो रहा है. सांसदों और विधायकों के जाली लेटरपैड बनाकर जालसाज ट्रेनों में वीआईपी कोटे से टिकट कंफर्म करा रहे हैं. रेलवे के अधिकारियों को हाल ही में इस तरह की जानकारी मिली. इसके बाद टीम बनाकर इस खेल का पर्दाफाश किया गया. रेलवे की इस टीम ने दो जालसाजों को धर दबोचा है. उनके पास से सांसदों के जाली लेटर पैड मिले हैं.

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एनसीपी के राज्यसभा सांसद का लगाया था फर्जी लेटरपैड

उत्तर रेलवे प्रशासन ने वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजित कुमार सिन्हा और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अभिषेक कुमार के निर्देशन में वाणिज्य एवं रेलवे सुरक्षा बल का संयुक्त विशेष दस्ता बनाया गया. प्रकरण की गहन जांच करते हुए इस प्रकार के आवेदनों पर विशेष निगरानी रखी जाने लगी. 17 जून को एनसीपी के सांसद (राज्यसभा) श्रीदेवी प्रसाद त्रिपाठी (महाराष्ट्र) के लैटरपैड पर गाड़ी संख्या 02533 (पुष्पक एक्सप्रेस) के स्लीपर क्लास में लखनऊ जंक्शन से मुंबई के लिए पीएनआर संख्या- 2221136724 पर कोटे से टिकट कंफर्म कराने के लिए एक आवेदन किया गया था. इस लैटरपैड की जांच करते हुए इस पर दर्शाए गए मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. मामले की तह तक पहुंचने के लिए पीएनआर पर कोटे के अंतर्गत सीट कंफर्म करके इस टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों से गाड़ी पर पहुंचकर संपर्क कर इस विषय में जानकारी ली गई.

आईआरसीटीसी में अधिकृत एजेंट है जालसाज

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि यात्रियों से जानकारी के आधार पर अग्रिम कार्रवाई करते हुए दस्ते ने लखनऊ के ठाकुरगंज निवासी आईआरसीटीसी एजेंट सैय्यद सलीम हुसैन को पकड़ा. चेकिंग करने पर पता चला कि उक्त व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत एवं आईआरसीटीसी की आईडी पर भी टिकटों की बुकिंग की जाती है. जांच के दौरान पूर्व में बनी 51 टिकटों से 32,800 रुपये का ब्योरा भी प्राप्त हुआ.

डीआरएम दफ्तर से होता था खेल

पूछताछ के दौरान सैय्यद सलीम हुसैन ने बताया कि यात्रियों की आवश्यकतानुसार वह यात्रा के प्रतीक्षा सूची के टिकट जारी करवाकर अपने ही एक अन्य साथी पंकज सिंह कुशवाहा को दे देता है, जो इन टिकटों को वीआईपी कोटे के तहत कंफर्म कराने के लिए मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में देता है. इसके लिए वह प्रति यात्री 500 रुपये शुल्क के रूप में वसूल करता है. सैय्यद सलीम हुसैन से प्राप्त व्यक्ति का नाम-पता ज्ञात होने पर दस्ते ने उस पते पर पहुंचकर पंकज सिंह कुशवाहा को पकड़ा गया. उसे पांच अलग-अलग राजनेताओं के 13 लेटर पैड दिखाए गए जो एक ही हस्तलिपि में लिखे गए थे.

दो खाली VIP कोटे के आवेदन पत्र के प्रारूप मिले

पूछताछ करने पर अपना अपराध स्वीकार करते हुए पंकज सिंह कुशवाहा ने बताया कि टिकट कंफर्म के लिए प्रयोग किए जाने वाले यह सभी लेटरपैड नकली हैं. इनको भरवाने का काम वह अपनी नाबालिग पुत्री से कराता है. इनको भरवाकर वह मंडल कार्यालय के कोटा कंफर्म के लिए बने ड्रॉप बाक्स में डाल दिया करता था. उसके पास से इस जांच के दौरान दो खाली VIP कोटे के आवेदन पत्र के प्रारूप प्राप्त हुए. विशेष दस्ते ने दोनों जालसाजों को अपनी सुपुर्दगी में लेते हुए इन व्यक्तियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के अधिनियम 143 और 143 (B) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए इनको रेलवे सुरक्षा बल के हवाले कर दिया.

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