लखनऊ : इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा कराने के नाम पर फर्जी खातों में पैसा मंगाकर ठगी करने वाले गिरोह के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने कार्रवाई की है. जानकीपुरम पुलिस ने गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य बहुत ही शातिर तरीके से लोगों के साथ फ्रॉड की घटना को अंजाम देते थे. गिरफ्तार युवक करण शर्मा और अमन कुमार दोनों दिल्ली के रहने वाले हैं. यही फर्जी कॉल सेंटर को संचालित कर रहे थे। पुलिस ने इनके साथ अन्य 5 लोगों गिरफ्तार किया है. जिनके नाम विशाल विश्वकर्मा, रौनित कुमार कश्यप, केएस प्रशांत श्रीवास्तव, विवेक कुमार, सुनील कुमार तिवारी और संजय गांधी हैं.
Accused of Fraud Arrested : इंश्योरेंस प्रीमियम में डिस्काउंट देने के बहाने करते थे ठगी, सात गिरफ्तार ठगों ने बताई यह कहानी
राजधानी लखनऊ की जानकीपुरम पुलिस ने इंश्योरेंस प्रीमियम जमा कराने के नाम पर फर्जी खाते खोलकर ठगी करने वाले गिरोह (Accused of Fraud Arrested) का पर्दाफाश किया है. गिरफ्तार सात ठग काॅल सेंटर के माध्यम से लोगों से ठगी कर रहे थे.
पुलिस के अनुसार पहले तो ठग जरूरतमंद लोगों की मदद करने के नाम पर फर्जी अकाउंट खुलवाते थे. इसके बाद तमाम वेबसाइट से डाटा चोरी कर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वाले पॉलिसी होल्डर को फोन कर प्रीमियम पर डिस्काउंट देकर फर्जी खाते में प्रीमियम मंगाते थे. फ्रॉड को करने के लिए बाकायदा लखनऊ में एक कॉल सेंटर का निर्माण किया गया था. कॉल सेंटर में ऑनलाइन मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम को कम करके जमा करने की बात कहते थे. इन लोगों के द्वारा जस्ट डायल और इंडियामार्ट जैसी वेबसाइट से ग्राहकों का डाटा चुरा कर फोन करते थे. ग्राहकों को फंसाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस के मौजूदा प्रीमियम को कम करवाने के लिए विशेष ऑफर का लालच देकर प्रीमियम का पैसा अपने फ्रॉड तरीके से खोले गए खातों में जमा करा लेते थे. फिर उन पैसों को निकाल लेते थे.
पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह देश भर के विभिन्न लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का डाटा प्राप्त कर लेते थे. जिसमें व्यक्तियों के मोबाइल फोन व लाइफ इंश्योरेंस संबंधित विवरण होता था. इसके अलावा जरूरतमंद व्यक्तियों के खाते में कुछ पैसे देकर एग्रीमेंट करते थे. जिसमें खाता खोलने के बाद उनके एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे. लाइफ इंश्योरेंस का डाटा निकालने के बाद उसमें अंकित मोबाइल नंबर पर फोन करते थे और मौजूदा लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम के भुगतान पर छूट का लालच देते थे. छूट के लालच में आकर लोग प्रीमियम जमा करने के लिए राजी हो जाते थे. जिसके बाद प्रीमियम के पैसे यह लोग फ्रॉड खातों में जमा कर लेते थे. जिसके एटीएम कार्ड इन लोगो के पास ही होते थे और वह सारा पैसा निकाल लेते थे.
अपर पुलिस उपायुक्त अभिजीत आर शंकर ने बताया कि जब पुलिस फ्रॉड की जानकारी पर कार्रवाई करती थी उन खातों को फ्रीज कर देती थी तब ये लोग खातों के एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर को बंद कर या तोड़ कर फेंक देते थे. जिससे पुलिस के द्वारा इनको पकड़ा न जा सके. ठगों का एक ऑफिस बादशाह नगर लखनऊ मेट्रो स्टेशन के निकट स्थित ट्रिनिटी स्क्वायर के तीसरे तल में है. जहां से यह लोग इस फर्जी काल सेंटर संचालित कर रहे थे. इन लोगों के पास से 95 हजार 200 रुपये, 22 मोबाइल फोन, 01 लैपटाप व 12 सिम कार्ड बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक इनसे आगे की पूछताछ जारी है और लैपटॉप को भी चेक किया जा रहा है.
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