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KGMU में शोध प्रकोष्ठ में ‌वित्तीय अनियमितता की जांच करेगी चार सदस्‍यीय समिति - financial irregularities in KGMU research cell

KGMU में शोध प्रकोष्ठ में ‌वित्तीय अनियमितता की जांच चार सदस्‍यीय समिति करेगी. इस समिति में प्रति कुलपति प्रो. विनीत शर्मा, प्रो. समीर मिश्रा, प्रो. पुनीता मानिक और वित्‍त अधिकारी शामिल हैं.

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Published : Mar 11, 2023, 12:53 PM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (King George's Medical University) के शोध प्रकोष्ठ पर लगे वित्‍तीय अनियमितता के गंभीर मामलों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति को अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द दाखिल करने को कहा गया है. यह जांच समिति राजभवन से आदेश मिलने के बाद बनाई गई है.

केशवनगर निवासी श्रीकांत सिंह ने केजीएमयू में शोध प्रकोष्ठ में वित्तीय अनियमितता की शिकायत राजभवन में की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि शोध प्रकोष्ठ में आए विदेशी अनुदान का दुरुपयोग किया गया. मनमाने बैंक खातों में इसकी राशि ट्रांसफर की गई. इसमें पूर्व कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए गए. शिकायती पत्र के आधार पर राजभवन ने केजीएमयू से जांच करके जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने प्रति कुलपति प्रो. विनीत शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति में प्रो. समीर मिश्रा, प्रो. पुनीता मानिक और वित्‍त अधिकारी को शामिल किया.


प्रो. वेद प्रकाश को मिला मौका: केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रो. वेद प्रकाश को एडीशनल की जगह सीधे प्रोफेसर के इंटरव्यू में शामिल होने का मौका दिया जाएगा. यह निर्णय कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया. राजभवन की ओर से प्रो. वेद को राहत देते हुए विवि को दो महीने में इंटरव्यू कराने को कहा गया था. उसी को कार्यपरिषद की आपात बैठक में रखकर मुहर लगा दी गई. दरअसल प्रो वेद वर्तमान में असोसिएट प्रोफेसर हैं और साल 2018 में वह प्रोफेसर के पद के लिए योग्य हो गए थे.

2019 से केजीएमयू में नया नियम लागू हो गया. इसमें असोसिसिएट के बाद प्रोफेसर की जगह एडीशनल प्रोफेसर पद पर प्रमोट किया जाएगा. उसके बाद प्रोफेसर का पद मिलेगा. डॉ. वेद ने सीधे प्रोफेसर पद पर प्रमोट करने की मांग की क्योंकि वह नया नियम लागू होने से पहले योग्य हो गए थे. इसके लिए वह राजभवन तक गए, जहां से उन्हें राहत मिली. राजभवन ने दो महीने में इंटरव्यू कराने को कहा. शुक्रवार को कार्यपरिषद ने भी अब सीधे प्रफेसर पर के लिए इंटरव्यू कराने के लिए हरी झंडी दे दी.

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