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यूपी में चार लाख टेस्ट के आदेश, जांच बढ़ने पर बढ़ेगी संक्रमितों की संख्या

यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रहीं हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैंपल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा.

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Published : Jan 21, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 7:33 PM IST

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यूपी में चार लाख टेस्ट के आदेश, कम जांच में छिपी कोरोना की हकीकत

लखनऊ :यूपी में कोरोना का प्रकोप जारी है. घर-घर बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं, सीमित टेस्ट के चलते बीमारी की सही स्थिति का अंदाजा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में पश्चिमी यूपी समेत कई जिलों में एक्टिव केस एक हजार से कम बने हुए हैं. यह हाल तब है जब देश में तीसरी लहर से वायरस का प्रसार तेज हो गया है.

आठ जिलों में 60 फीसद टेस्ट

यूपी में मुख्यमंत्री ने रोज चार लाख टेस्ट के आदेश दिए हैं. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा हर दिन ढाई लाख टेस्ट के आस-पास ही बना हुआ है. इसमें भी कुल टेस्ट के 60 फीसद आठ जिलों में टेस्ट किए जा रहे हैं. इसमें लखनऊ में सर्वाधिक 22-24 हजार प्रतिदिन टेस्ट हो रहे हैं. शेष जिले गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, आगरा, कानपुर, प्रयगराज हैं जहां टेस्ट किए जा रहे हैं.

इसके अलावा केवल 40 फीसद टेस्ट का अन्य जिलों का आंकड़ा हैं. ऐसे में इन जिलों में कम जांच होने से एक्टिव केस एक हजार से कम हैं वहीं बुख़ार, जुकाम के मरीजों की भरमार है. डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह ने बताया कि केस छिपाए नहीं जा रहे हैं. रोजाना टेस्ट बढ़ाये जा रहे हैं. गत माह डेढ़ लाख टेस्ट रोज हो रहे थे, अब ढाई लाख हो रहे हैं. हेल्थ टीम को स्क्रीनिंग, टेस्टिंग पर जोर देने के निर्देश दिए हैं.

16 हजार से ज्यादा मिले मरीज, 17 हजार डिस्चार्ज

शुक्रवार को 2 लाख 41 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 16,142 नए मरीज़ों में कोरोना की पुष्टि हुई. इतने केस एक दिन में मई में मिले थे. वहीं, 17601 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 74 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है.

यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं, 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया.

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अब तक 350 ओमिक्रोन के मरीज

17 दिसंबर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसंबर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 350 ओमिक्रोन के मरीज पाए गए हैं.

गौरतलब है कि यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रहीं हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैंपल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा. ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. वहीं, निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखें. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारंटाइन करने के निर्देश जारी किए गए. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया.

95 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हुए

राज्य में एक्टिव केस की संख्या 95 हजार 866 हो गए हैं. सरकार की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.

इमरजेंसी सर्जरी में कोविड जांच जरूरी नहीं, नए निर्देश जारी

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने केंद्र सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन को यूपी में पालन करने के निर्देश दिए हैं. इसमें 60 वर्ष से अधिक बीमार व्यक्तियों के लिए जांच व इलाज के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इमरजेंसी सर्जरी में कोरोना जांच की अनिवार्यता खत्म की गई है. कोविड-19 ट्रीटमेंट की अनुपलब्धता होने पर रोगी को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर करने से मना किया गया है. वहीं ऑपरेशन व अन्य प्रक्रियाओं के लिए भर्ती की गई गर्भवती का कोविड टेस्ट तब तक न किया जाए जब तक आवश्यक लक्षण न महसूस हों, इसके भी निर्देश दिए गए हैं. भर्ती रोगियों की सप्ताह में एक बार से अधिक जांच करने से भी मना किया गया है.

Last Updated : Jan 21, 2022, 7:33 PM IST

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