लखनऊ :यूपी में कोरोना का प्रकोप जारी है. घर-घर बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं, सीमित टेस्ट के चलते बीमारी की सही स्थिति का अंदाजा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में पश्चिमी यूपी समेत कई जिलों में एक्टिव केस एक हजार से कम बने हुए हैं. यह हाल तब है जब देश में तीसरी लहर से वायरस का प्रसार तेज हो गया है.
आठ जिलों में 60 फीसद टेस्ट
यूपी में मुख्यमंत्री ने रोज चार लाख टेस्ट के आदेश दिए हैं. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा हर दिन ढाई लाख टेस्ट के आस-पास ही बना हुआ है. इसमें भी कुल टेस्ट के 60 फीसद आठ जिलों में टेस्ट किए जा रहे हैं. इसमें लखनऊ में सर्वाधिक 22-24 हजार प्रतिदिन टेस्ट हो रहे हैं. शेष जिले गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, आगरा, कानपुर, प्रयगराज हैं जहां टेस्ट किए जा रहे हैं.
इसके अलावा केवल 40 फीसद टेस्ट का अन्य जिलों का आंकड़ा हैं. ऐसे में इन जिलों में कम जांच होने से एक्टिव केस एक हजार से कम हैं वहीं बुख़ार, जुकाम के मरीजों की भरमार है. डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह ने बताया कि केस छिपाए नहीं जा रहे हैं. रोजाना टेस्ट बढ़ाये जा रहे हैं. गत माह डेढ़ लाख टेस्ट रोज हो रहे थे, अब ढाई लाख हो रहे हैं. हेल्थ टीम को स्क्रीनिंग, टेस्टिंग पर जोर देने के निर्देश दिए हैं.
16 हजार से ज्यादा मिले मरीज, 17 हजार डिस्चार्ज
शुक्रवार को 2 लाख 41 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 16,142 नए मरीज़ों में कोरोना की पुष्टि हुई. इतने केस एक दिन में मई में मिले थे. वहीं, 17601 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 74 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है.
यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं, 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया.
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