लखनऊ : ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने समस्त अधिकारियों व शासकीय अस्पतालों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिलाधिकारी ने समस्त शासकीय अस्पतालों को निर्देश दिया है कि चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों के तीमारदारों के लिए रात्रि विश्राम के लिए रैनबसेरों (Shelter Home) का संचालन सुनिश्चित कराया जाए. साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी की मृत्यु शीत लहर, भोजन, वस्त्र, आश्रय व चिकित्सा के अभाव में न हो.
दरअसल, जिलाधिकारी ने नगर निगम को निर्देश दिया कि शीत ऋतु व ठंड के दृष्टिगत नगर निगम क्षेत्र में सड़कों, फुटपाथों व अन्य खुले स्थानों पर रात्रि में सोने वाले निराश्रित व असहाय वर्ग के व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए रैनबसेरों (Shelter Home) का संचालन सुनिश्चित कराया जाए. साथ ही रैन बसेरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन कराया जाए. उन्होंने बताया कि शीत लहर से बचाव शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में से है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जाए.
जिलाधिकारी ने समस्त अधिशासी अधिकारीयों को निर्देश दिया कि निराश्रित व असहाय वर्ग के व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए रैनबसेरों का कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन कराते हुए संचालन सुनिश्चित कराया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि शीत लहर के कारण किसी की मृत्यु न हो. साथ ही किसी भी मृत्यु भोजन, वस्त्र, आश्रय व चिकित्सा के अभाव में न हो.
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रायः देखा जाता है कि बहुत सारे लोग रैन बसेरों की जानकारी के अभाव में भी मजबूरी में सड़कों पर सोते हैं. इसके लिए जिलाधिकारी ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों और नगर निगम को निर्देश दिया कि वह रैन बसेरों की सूची क्षेत्र की दुकानों, होटलों और थानों पर चस्पा करें. साथ ही निर्देश दिया कि नगर आयुक्त डूडा के माध्यम से भी रैन बसेरों की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं.
जिलाधिकारी ने बताया कि रैन बसेरों में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में लोग वहां जाना पसंद नहीं करते हैं और सड़कों या फुटपाथों पर सो जाया करते हैं. इसमें मुख्य रूप से रिक्शे वाले, ठेला/फेरी वाले व अन्य मजदूर लोग होते हैं. इसके लिए निर्देश दिया गया है कि शहर के समस्त रैन बसेरों में रहने की व्यवस्था के साथ-साथ उक्त प्रकार के लोगों के लिए रिक्शा, ठेला या वाहन आदि को खड़ा करने के लिए स्थान भी उपलब्ध कराया जाए.
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दरअसल, शीत ऋतु के मद्देनजर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि निराश्रित लोगों को किसी भी दशा में सड़क पर या खुले में नहीं सोने दिया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि हर चौकी और डायल-112 को स्थाई व अस्थाई रैनबसेरों (shelter home) से लिंक किया जाए, ताकि कोई अगर खुले में सोता मिले तो उसको तत्काल रैनबसेरे में पहुंचाया जा सके. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि उक्त के साथ-साथ शहर के 4 कोनों में क्लाथ बैंक (Cloth Banks) की भी स्थापना कि गई है, ताकि जो लोग चादर, गद्दे या कपड़े दान देना चाहते हैं, आसानी से दान कर सकें. साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि दान देने वालों को प्रशस्ति पत्र व धन्यवाद का ईमेल भी किया जाए. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि रैनबसेरों में कम्युनिटी किचन के माध्यम से एक वक्त का भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया जाए.