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'गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पहले से ही रहें जागरूक, समय से अपनी समस्या का कराएं इलाज' - केजीएमयू

केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल का स्थापना दिवस समारोह (Foundation Day Celebration of Queen Mary Hospital) शनिवार को मनाया गया. इस दौरान मरीजों के प्रति बेहतर आचरण करने वाली डॉ. आयुषी सैनी और डॉ. पीएल महाजन को गोल्ड मेडल अवार्ड से सम्मानित किया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 7:44 PM IST

लखनऊ :राजधानी लखनऊ स्थितकेजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति विभाग (क्वीन मेरी अस्पताल) का स्थापना दिवस (Queen Mary Hospital of KGMU) समारोह शनिवार को मनाया गया. इस दौरान दिल्ली एम्स के स्त्री एवं प्रसूति विशेषज्ञ प्रो. जेबी शर्मा ने कहा कि 'गर्भावस्था के दौरान या फिर बढ़ती उम्र में महिलाओं को यूरिन कंट्रोल करने में समस्या होती है. महिलाओं में होने वाली यह बहुत ही कॉमन बीमारी है, जिससे काफी महिलाएं जुझती हैं. गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला यूरीन नियंत्रित नहीं कर पाती है. अचानक से कहीं भी खांसते या छिंकते समय यूरिन निकल जाने की दिक्कत होती है. मुख्य वक्ता प्रो. जेबी शर्मा ने 'वर्तमान में महिलाओं में मूत्र असंयम की समस्या, निदान और प्रबंधन' पर जानकारी दी. कार्यक्रम में केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद भी शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने विभाग के सभी सदस्यों को विभाग की उपलब्धियों पर बधाई दी.

केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल का स्थापना दिवस समारोह
दिल्ली एम्स के स्त्री एवं प्रसूति विशेषज्ञ प्रो. जेबी शर्मा



342 बेड का है यह अस्पताल : उन्होंने बताया कि 'युवा युवतियों में भी यह समस्या होती है. लेकिन, उनकी संख्या बहुत अधिक नहीं है. गर्भवती महिलाओं में यह बहुत ही कॉमन समस्या है. हर महिला को गर्भावस्था के दौरान इन दिक्कतों से गुजरना पड़ता है, इसलिए जरूरी है कि महिलाएं पहले से ही जागरूक रहें और समय से अपनी इस समस्या का इलाज कराएं. महिलाएं जागरूक रहेंगी तो एक स्वस्थ जिंदगी को जन्म देंगी.' वहीं स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी जैसवार ने कहा कि 'क्वीन मेरी अस्पताल काफी पुराना अस्पताल है. इस बार शनिवार को अस्पताल का 91वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है. प्रदेश भर से गर्भवती महिलाएं यहां पर इलाज करने के लिए पहुंचती हैं. इसके अलावा अस्पताल में रेफरल केसों की संख्या अधिक होती है. वर्तमान में 342 बेड का यह अस्पताल है. रोजाना 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं का इलाज होता है. इसके अलावा लगभग 40 से 60 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होती है.'

स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी जैसवार

गोल्ड मेडल अवार्ड से किया गया सम्मानित :इस दौरान मरीजों के प्रति बेहतर आचरण करने वाली डॉ. आयुषी सैनी और डॉ. पीएल महाजन को गोल्ड मेडल अवार्ड (Most humane Resident) से सम्मानित किया गया. अस्पताल में उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्टाफ नर्स एचडीयू नर्सिंग इंचार्ज शशि को सम्मानित किया गया. प्रशासनिक संवर्ग में रूचिका श्रीवास्तव और रितिक कनौजिया और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में सुमन, चंद्रा और हासिम अली को सम्मानित किया गया. विभागीय रिपोर्ट प्रो. एसपी जैसवार, विभागाध्यक्ष, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के द्वारा प्रस्तुत की गई. विभाग में उच्चस्तरीय (Minor OT, Hereditary Cancer Clinic, Palna, Laser Machine, IVF restarted) कार्य बीते वर्ष में शुरू हुए हैं. कार्यक्रम में विभाग की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा मल्होत्रा, डॉ. रेखा सचान डॉ अंजू मौजूद रहीं.

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