लखनऊ:देश के पूर्व प्रधानमंत्री और समाजवादी विचारधारा वाले चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बलिया से टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर वे भाजपा में शामिल हो गए.
2019 लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने से थे नाराज
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद सपा ने नीरज शेखर को राज्यसभा भेज दिया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह बलिया सीट से टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त के सामने नीरज की बजाय पूर्व विधायक सनातन पांडेय को मैदान में उतार दिया. अपने राजनीतिक जीवन के पहले 2007 के संसदीय उपचुनाव में नीरज शेखर ने वीरेंद्र सिंह मस्त को ही पटखनी दी थी. टिकट न मिलने के बाद से ही वह नाराज चल रहे थे. पूरे प्रचार के दौरान उन्हें पार्टी प्रत्याशी के मंच पर एक बार भी नहीं देखा गया.
पिता चंद्रशेखर थे जिंदादिल इंसान
देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर युवा तुर्क के नाम से अपनी पहचान रखते थे. वह हमेशा समाजवादी विचारधारा को लेकर संघर्ष करते रहे. वह काफी संवेदनशील और जिंदादिल इंसान भी कहे जाते हैं. राजनीतिक जानकार उन्हें समाजवादी विचारधारा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करने वाले राजनेता के रूप में पहचानाते हैं.
1990 में बने देश के प्रधानमंत्री
चंद्रशेखर बलिया लोकसभा सीट से कई बार सांसद चुने गए और 1990 में देश के प्रधानमंत्री भी बने. 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुलायम सिंह यादव ने बलिया लोकसभा सीट से उनके खिलाफ किसी दूसरे उम्मीदवार को टिकट दे दिया तो भारतीय जनता पार्टी ने भी उनकी मदद करने के उद्देश्य से वहां कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, जिसके बाद वह बीजेपी को लेकर थोड़ा नरम जरूर रहते थे.