लखनऊ:राजधानी के माल थाना क्षेत्र से गायब हुई एक किशोरी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. किशोरी के अनुसार पुलिस लगातार उस पर बयान बदलने और मेडिकल ना कराने का दबाव बनाती रही. पीड़ता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह 13 दिसंबर 2020 को थाने पहुंची तो महिला पुलिस कर्मियों ने उसके साथ मारपीट की.
पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस के मुताबिक बयान न देने पर उसके साथ मारपीट की गई है. पीड़िता का कहना है कि पुलिस मुख्य आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है, लेकिन मुख्य आरोपी के अन्य साथियों का नाम पुलिस हटा रही है. दरअसल, मुख्य आरोपी प्रेमचंद के पिता राम अवतार ने मलिहाबाद थाने में 2 दिसंबर को तहरीर दी थी. तहरीर के मुताबिक, तीन अन्य लोगों ने उनके बेटे प्रेमचंद की इस मामले में पूरी मदद की थी.
क्या था पूरा मामला
बीते 23 नवंबर को एक किशोरी संदिग्ध परिस्थितियों में घर से गायब हो गई थी. काफी खोजबीन करने के बाद भी किशोरी के परिजनों को कोई सुराग हाथ नहीं लगा. जिसके बाद किशोरी के परिजनों ने 26 नवंबर को माल थाने में तहरीर दी थी. पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए गुम हुई किशोरी को 9 दिसंबर 2020 को बरामद कर लिया था. वहीं किशोरी ने आज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, किशोरी का कहना है कि पुलिस अपने मन मुताबिक बयान दर्ज कराने के लिए दबाव बना रही है.
थाना प्रभारी ने दी सफाई
माल थाना प्रभारी रामसिंह ने बताया कि, किशोरी बयान देने आई थी. उसके बयान दर्ज कर लिए गए हैं. किशोरी के साथ किसी भी महिला पुलिस कर्मी द्वारा कोई दबाव नहीं बनाया गया और ना ही उसके साथ कोई भी हिंसा हुई है. थाना प्रभारी का कहना है कि किशोरी ने ही मेडिकल करवाने से मना किया है. इस प्रकरण में किशोरी ने जो अन्य लोगों के नाम बताए हैं, उस पर भी विवेचना की जा रही है. दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. किशोरी के बयान पर ही मुकदमे में धारा और अन्य आरोपियों के नाम बढ़ा दिए जाएंगे.