लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मंत्री रहे घूराराम ने सोमवार को जब समाजवादी पार्टी का झंडा थामा तो उन्होंने ऐलान कर सबको चौंका दिया. उन्होंने कहा कि बसपा में बड़े पैमाने पर असंतोष है. आधे से ज्यादा लोग पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी के साथ आने को तैयार हैं. बसपा में संगठन की राजनीति करने वाले घूराराम के बयान ने समाजवादी पार्टी में उत्साह की नई लहर पैदा कर दी है.
बलिया की राजनीति में घूराराम कई दशक से बहुजन समाज पार्टी आंदोलन की धुरी बने हुए थे. ऐसे में समाजवादी पार्टी उनका साथ पाकर फूली नहीं समा रही है. यह अलग बात है कि घूरा राम ने समाजवादी पार्टी का दामन तब थामा है, जब बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान उन्हें प्रत्याशी घोषित किया और ऐन मौके पर टिकट वापस ले लिया.
पढ़ें- डेमोक्रेसी की नई परिभाषा- ईडी, इनकम टैक्स और डर: अखिलेश यादव
ऐसे में भूराराम सांसद बनते-बनते रह गए और अब बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए. सोमवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में उनके जैसे बहुत सारे लोग हैं जो दुखी हैं और उपेक्षित हैं. वे लोग मानते हैं कि बाबा साहब के मिशन से बहुजन समाज पार्टी भटक चुकी है. ऐसे लोग पार्टी छोड़कर सपा में आने के लिए तैयार बैठे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें रोका अन्यथा बहुत सारे लोग उनके साथ ही बसपा छोड़कर आ चुके होते. अब जल्द ही ऐसे लोग समाजवादी पार्टी में दिखाई देंगे और समाजवादी पार्टी ही उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बनाएगी.
पढ़ें-मायावती ने विपक्ष को अनुच्छेद 370 पर दी नसीहत, केशव मौर्य ने दिया धन्यवाद
पूर्व मंत्री घूराराम के इस ऐलान ने समाजवादी पार्टी नेतृत्व को भी उम्मीदों से भर दिया है. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी नेतृत्व उन्हें अपनी नई टीम में बड़ा सांगठनिक ओहदा देने की तैयारी में है. अगर ऐसा होता है तो मुमकिन है कि बहुजन समाज पार्टी से टूटकर सपा में आने वाले नेताओं की संख्या में इजाफा हो जाए. चर्चा यह भी रही कि पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी भी बसपा छोड़कर सपा में वापसी करने वाले हैं, लेकिन सोमवार को उनके न आने से चर्चा ने दम तोड़ दिया.