लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) की लखनऊ बेंच (lucknow bench) ने उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड(UPPCL) के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा (former md ap mishra)की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है. न्यायालय ने उन्हें सशर्त जमानत देते हुए, ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा करने का भी आदेश दिया है. उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा पीएफ घोटाला मामले में लगभग दो सालों से जेल में थे.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अयोध्या प्रसाद मिश्रा की दूसरी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया. अयोध्या प्रसाद मिश्रा की पहली जमानत याचिका 10 अप्रैल 2020 को खारिज कर दी गई थी. न्यायालय ने सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि सीबीआई मामले की जांच पिछले दो साल से कर रही है. अभियुक्त 70 वर्ष का है और हृदय रोग के अलावा अन्य तमाम बीमारियों से ग्रसित है.
न्यायालय ने कहा कि पीएफ की रकम को पीएनबी हाउसिंग, एलआईसी हाउसिंग और डीएचएफएल में निवेश करने के लिए अधिकृत करने के सिवा अब तक उसके खिलाफ कोई भी दस्तावेजी साक्ष्य पीएफ घोटाला मामले में शामिल होने का नहीं आया है. सह-अभियुक्त अभिनव गुप्ता ने निवेश के लिए 30 करोड़ रुपये का कमीशन देने की बात जांच एजेंसी के समक्ष कुबूल की है, लेकिन कमीशन की रकम के मनी ट्रेल का भी अब तक कुछ पता नहीं लग सका है. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सीबीआई के अधिवक्ता से यह भी पूछा कि वह मामले की विवेचना कब तक पूर्ण कर लेगें. इस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने सितम्बर तक विवेचना पूरी होने की सम्भावना जताई.
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याची के स्वास्थ्य समेत सभी परिस्थितियों पर गौर करने के उपरांत उसे जमानत पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.