लखनऊ:नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पिछले साल दिसंबर में कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. राजधानी लखनऊ में भी 19 दिसंबर को हिंसक प्रदर्शन और आगजनी हुई थी. इस प्रदर्शन में करोड़ों की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. सीएम योगी ने इस पर सख्त रूख अपनाते हुए प्रदर्शनों में शामिल उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई के आदेश दिए थे. वहीं मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 16 मार्च से पहले होर्डिंग्स हटाने को कहा है. वहीं होर्डिंग्स में शामिल पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.
कई इलाकों में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
सीएए के विरोध में 19 दिसंबर को शहर के खदरा, परिवर्तन चौक, हुसैनाबाद और कैसरबाग में उपद्रव और आगजनी हुई थी. इस दौरान उपद्रवियों ने साढ़े 4 करोड़ की सरकारी संपत्ति समेत निजी वाहनों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी. पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ सबूत भी इकट्ठे किये थे.
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देर रात लगवाई गई थी होल्डिंग
जिला प्रशासन ने पिछले गुरुवार को आरोपियों के नाम, तस्वीर और पते दर्ज किए होर्डिंग पूरे शहर भर में लगवा दिए. इसमें पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनत्री सदर जफर का नाम भी शामिल है. होर्डिंग्स में सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान का विवरण भी है. होर्डिंग्स में तय समय के अंदर नुकसान की भरपाई करने को कहा गया है. साथ ही लिखा है कि अगर ये लोग जुर्माना नहीं देते हैं, तो इनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.
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हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फैसला सुनाया कि 16 मार्च से पहले पूरे शहर से होर्डिंग हटा ली जाए. साथ ही कमिश्नर और डीएम इसकी आख्या प्रस्तुत करें. कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर किसी के पर्सनल डाटा और फोटो प्रदर्शित करना अनुच्छेद 21 के तहत निजता एवं जीवन के मूल अधिकार का उल्लंघन है.
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