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नहीं रहीं दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, कुछ ऐसा रहा सुषमा स्वराज का सियासी सफर

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया. दिल्ली के एम्स अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ. महज 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने वाली सुषमा स्वराज ने 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद संभाला था. खराब तबीयत के चलते सुषमा स्वराज ने 2019 के लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी.

सुषमा स्वराज का सियासी सफर.

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Published : Aug 7, 2019, 10:11 AM IST

नई दिल्ली: सुषमा स्वराज के अब न रहने की खबर ने आज पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. 67 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें मंगलवार शाम को एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और इसी के साथ देश ने एक ओजस्वी नेता और दिल्ली ने अपनी पहली महिला मुख्यमंत्री को खो दिया.

सुषमा स्वराज का सियासी सफर.

17 दिन पहले दिल्ली ने अपनी पूर्व सीएम को खो दिया था
एक महीने भी नहीं हुए जब दिल्ली की पूर्व और अंतिम महिला मुख्यमंत्री का निधन हुआ था और उसके 17 दिन बाद ही दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी हमारे बीच नहीं रहीं.

तीन महीने के भीतर ही दे दिया था दिल्ली सीएम पद से इस्तीफा
12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद सम्भाला था. हालांकि इस पद को तीन महीने भी सुषमा स्वराज के सान्निध्य का सौभाग्य नहीं मिला और 3 दिसम्बर 1998 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर वे केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं.

कपिल सिब्बल, अजय माकन जैसे दिग्गजों को चुनाव में मात दी
इससे पहले, 1996 और 1998 के लोकसभा चुनावों में लगातार दो बार उन्होंने दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. 1996 में हुए चुनाव में सुषमा स्वराज ने कांग्रेस के कपिल सिब्बल को एक लाख 14 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था, वहीं 1998 में उन्होंने कांग्रेस के अजय माकन को करीब एक लाख 20 हजार के मतों से मात दी.

25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनीं
महज 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने वाली सुषमा स्वराज ने कई केंद्रीय मंत्री पदों को सुशोभित किया, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने नवम्बर 2018 में ही 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी थी.

मृत्यु से महज तीन घण्टे पहले अनुच्छेद 370 पर खुशी जताई
अपने अंतिम कार्यकाल में आम जन की समस्याओं से भी सीधे तौर पर रूबरू होने वाली यह पूर्व विदेश मंत्री सक्रिय राजनीति से दूर होने के बावजूद ट्विटर पर लगातार सक्रिय रहीं. इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि अपने देहावसान से महज 3 घण्टे पहले उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए ट्वीट किया था.

ट्वीटकर किया पीएम का धन्यवाद
ट्वीटर पर लिखा था कि मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने के लिए प्रतीक्षा कर रही थी. किसे पता था कि इस ट्वीट के साथ ही इस महान नेत्री को अपने पास बुलाने की ईश्वरीय प्रतीक्षा खत्म हो जाएगी.

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