लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार में लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है. सरकारी निकम्मेपन की वजह से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद-से-बदतर होती जा रही है. कोरोना संक्रमण से हुई मौतों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. कोरोना महामारी से बचाव के लिए बतौर रक्षा कवच प्रचारित टीकाकरण अभियान सुस्त पड़ गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि टीके की कमी से कई टीकाकरण केंद्र बंद हो गए हैं और तमाम केंद्रों से लोग मायूस लौट रहे हैं. अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था चरमराई हुई है. एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे मरीजों की जान खतरे में है. मुख्यमंत्री की टीम-11 और टीम-9 लापता है. जनता की जिंदगी भगवान भरोसे चल रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की तानाशाही से कर्मचारी वर्ग बुरी तरह असंतुष्ट है. समाजवादी सरकार ने मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल लाने-ले जाने के लिए 108 और 102 एंबुलेंस सेवा शुरू की थी. भाजपा सरकार ने पहले तो बदले की भावना से एंबुलेंस सेवा से समाजवादी शब्द हटाया फिर उसकी व्यवस्था को भी बिगाड़ना शुरू कर दिया. सरकारी कृपा से एंबुलेंस सेवा को संचालित करने वाली पहली एजेंसी से छीनकर अब इसका संचालन कार्य दूसरी एजेंसी को सौंप दिया गया है, जो अपनी मनमानी शर्तों पर इस सेवा को चलाना चाहती है.