लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव पर कम अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन पर ज्यादा ध्यान दिया है. विशेषज्ञों की राय पर चलने के बजाय भाजपा बर्बादियों का उत्सव मनाती रही है. उसने हमेशा जनता को धोखे में रखा है. वैक्सीन को लेकर भाजपा सरकार ने जैसी अनिर्णय भरी लापरवाही प्रदर्शित की है, उससे कोरोना संक्रमण का संकट ज्यादा बढ़ गया है. बार-बार पैंतरा बदले जाने से जनता के मन में अविश्वास भी पैदा हुआ.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यह बात तो नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भी कही है कि 'भारत सरकार ने भ्रम में रहते हुए कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए काम करने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका नतीजा काफी हद तक स्किजोफ्रेनिया (भ्रमित मानसिकता) जैसा था'. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेतृत्व काम कम वाहवाही ज्यादा लेने पर भरोसा करती है, लेकिन जनता भाजपा राज के कारनामों से भलीभांति परिचित हो चुकी है और वह अब उसकी चालों में आने वाली नहीं है.
कोरोना संक्रमण में भाजपा ने की फरेबी राजनीति
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने कोरोना संकट काल में भी अपनी फरेबी राजनीति से परहेज नहीं किया. समाजवादी पार्टी के प्रति उसका कुप्रचार अभियान चलता ही रहता है. जन दबाव में आखिरकार भाजपा सरकार ने सभी को टीका लगवाने का ऐलान किया है. समाजवादी पार्टी का यही मानना रहा है कि गरीबों और अन्य सभी लोगों को फ्री वैक्सीन लगनी चाहिए. भाजपा उल्टे वैक्सीन के मामले में कई रंग बदल चुकी है. उसके कारण ही जनता में वैक्सीन के प्रति उदासीनता दिखाई दी. यह भाजपा के प्रति जनता के अविश्वास की भी द्योतक है.
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जिस धीमी रफ्तार से वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि भाजपा तो सभी के टीकाकरण का लक्ष्य दिवाली तक पूरा करने से रही. भाजपा सरकार ने बड़े जोर-शोर से प्रचारित किया था कि वह कोरोना के प्राइवेट इलाज का खर्च देगी. अब भाजपा बताए कि अभी तक जनता के कितने बिलों का भुगतान किया गया है. जनता के सामने सरकार अपना आंकड़ा रखे.