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4 साल में विकास की झूठी कहानी सुना रहे मुख्यमंत्री: अखिलेश यादव

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के 4 साल पूरे होने पर अपनी उपलब्धियां गिनाने को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों की आय दोगुनी कराने और नौजवानों को रोजगार देने के वादे सरकारी होर्डिंगों में दर्शा रहे हैं पर आय दोगुनी कैसे हो गई और रोजगार किसको मिला यह बताने से गुरेज कर रहे हैं.

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

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Published : Mar 21, 2021, 9:20 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 4 साल में अपनी जनहित की एक योजना भी न बता पाने वाली भाजपा सरकार की उपलब्धियों की जो असत्य कथा मुख्यमंत्री इन दिनों सुना रहे हैं, हालात उनके झूठे होने की गवाही खुलकर दे रहे हैं. मुख्यमंत्री किसानों की आय दोगुनी कराने और नौजवानों को रोजगार देने के वादे सरकारी होर्डिंगों में दर्शा रहे हैं पर आय दोगुनी कैसे हो गई और रोजगार किसको मिला यह बताने से गुरेज कर रहे हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि बेटी बचाओं और मिशन शक्ति के खोखले नारों की पोल तो रोज ही खुलती है. अखबारों में और टीवी चैनलों में हर रोज लूट, हत्या, बलात्कार के मामले छाए रहते हैं. अखिलेश ने कहा कि बस्ती में एक बेटी पर घटिया नीयत से पुलिस ने फर्जी मुकदमों की लाइन लगा दी. भाजपा राज में राजधानी लखनऊ से सटे मोहनलालगंज में हुई एक घटना में एफआईआर दर्ज कराने में ही 22 माह का समय लग गया. एफआईआर भी तब दर्ज हुई जब कोर्ट ने आर्डर किया. पुलिस की मनमानी की यह बदनुमा मिसाल है.

महिलाओं को अपमानित कर रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नारी शक्ति को सर्वाधिक अपमानित किया गया है. चार साल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले दोगुने हो गए हैं. मुरादाबाद में 4 साल की बच्ची और बलिया में मासूम से दुष्कर्म की घटनाएं हुई. सीतापुर में छेड़छाड़ से परेशान छात्रा ने फांसी लगा कर जान दे दी. हाथरस में एक किशोरी को दरिंदों ने हवस का शिकार बनाया, जबकि बस्ती में रेप करने में नाकाम रहने पर युवती की हत्या कर दी गई.

अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री के सुशासन और चार साल के जश्न की एक हकीकत तो तब दिखाई दी जब बागपत में प्रधान द्वारा जमीन पर कब्जे से पीड़ित बेटी ने सुनवाई न होने पर आयुष मंत्री और विधायकों के समक्ष ही उसने आत्महत्या का प्रयास किया. मंत्री-विधायक तत्काल मैदान छोड़कर चले गए. मुख्यमंत्री के रामराज में पीड़ितों को न्याय मिलने की जगह दुत्कार ही मिलती है.

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