लखनऊ:राजधानी का एक ऐसा गांव है, जहां देश ही नहीं विदेश के लोग भी कार्यशैली को देखने के लिए आते हैं. हम बात कर रहे हैं राजधानी के मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बसे लालपुर गांव की. यह गांव देश सहित विदेशी लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
इस गांव का विकास देखने विदेशों से आते हैं लोग. गांव में विकास कार्य का जायजा लेने आ चुके हैं विदेशी
लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले लालपुर गांव में विकास कार्यों का जायजा लेने मात्र देश के ही अधिकारी नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं. ग्राम प्रधान का कहना है कि अब तक करीब 12-13 देशों से लोग आ चुके हैं और गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया है. लखनऊ के इस गांव में साउथ अफ्रीका, अमेरिका, दक्षिण कोरिया आदि कई देशों से लोग आ चुके हैं.
महिलाओं द्वारा गांव में किया जाता है जैविक खाद का निर्माण
बता दें कि राजधानी लखनऊ का यह गांव पहला खुले में शौच मुक्त गांव था. गांव की महिलाओं ने एक हरित समूह बनाकर तरल और ठोस अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण के लिए कार्य शुरू किया. साथ ही गांव की ही महिलाओं द्वारा गांव में जैविक खाद का भी निर्माण किया जाता है. महिलाओं का कहना है कि इस तरह से उनकी आजीविका भी बढ़ गई है और गांव में गंदगी भी खत्म हुई है. समूह की महिलाओं ने गांव में घर-घर जाकर लोगों को साफ-सफाई के लिए प्रेरित किया और उनसे घर के अपशिष्ट पदार्थों को खरीदने लगी, जिसकी बिक्री बड़े बाजारों में करती हैं.
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महिलाओं का कहना है कि इस तरह जहां एक तरफ वह स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग कर रही हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी आय का स्रोत भी बन गया है. बताते चलें लालपुर गांव में न केवल तरल और ठोस अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन का कार्य किया जाता है, बल्कि जल संरक्षण के लिए भी लोगों ने काम किया है. वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट की यूनिट भी सरकारी भवनों में लगाई गई हैं. आस-पास के क्षेत्रों के कॉलेजों के बच्चों को भी इन सभी व्यवस्थाओं को दिखाने के लिए लाया जाता है. वहीं अन्य जिलों के अधिकारी भी इस गांव में विकास कार्य को देखने पहुंचते हैं.